अहमदाबाद । गुजरात एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) द्वारा पकड़े गए चार आतंकियों की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इन आतंकियों का एक बड़ा सोशल मीडिया नेटवर्क सामने आया है, जिसके जरिए वे 72 अन्य सदस्यों के साथ जुड़े हुए थे। अहमदाबाद, मोडासा, दिल्ली और नोएडा से पकड़े गए इन आतंकियों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है। दिल्ली का मोहम्मद फैक इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाकर युवाओं को जोड़ रहा था। अन्य युवाओं को जोड़ने के लिए ये आतंकी निजी मैसेज भेजते थे। अकेले आतंकी मोहम्मद फैक ने ग्रुप में जोड़ने के लिए 872 लोगों को इंस्टाग्राम पर मैसेज किए थे। जांच में पता चला है कि आतंकी मोहम्मद फैक एक “डिजिटल स्लीपर सेल” तैयार कर रहा था। उसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उन्हें जिहादी षड्यंत्रों में इस्तेमाल करना था। अगले दो दिनों में इन आतंकियों की इंस्टाग्राम चैट की विस्तृत जानकारी FSL (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) से भी मिलने की संभावना है, जिससे कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। पुलिस ने यह जांच भी शुरू कर दी है कि आतंकियों ने कितने अन्य युवाओं को कट्टरपंथी बनाया है। गुजरात एटीएस ने संदिग्ध लोगों की भी जांच शुरू कर दी है। आतंकी जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहे थे और “डिजिटल टेरर स्लीपर सेल” योजना बनाने की तैयारी कर रहे थे। उनका प्लान भारत में कोई बड़ी घटना करने के बाद अरब देशों में भागने का था। दिल्ली का मोहम्मद फैक दो पाकिस्तानी नागरिकों के साथ भी संपर्क में था। जांच में सामने आया है कि ये आतंकी सात से अधिक ग्रुप में जुड़े हुए थे, जिनमें से प्रत्येक ग्रुप में 20 से अधिक सदस्य थे। भारत में आतंकी गतिविधि के बाद देश से पलायन करने का उन्होंने फैसला किया था।जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये चारों आतंकी जिहादी साहित्य पढ़ने के बाद कट्टरपंथी बने थे। इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर इन्होंने “टेरर ग्रुप” बनाए हुए थे।

