नई दिल्ली
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की ओर से 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी के फैसले के बाद के घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। कंपनी ने कहा है कि रोजगार वृद्धि एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन जैसी पहल रोजगार सृजन को कैसे बढ़ावा दे सकती हैं। साथ ही, कौशल विकास और पुनर्कौशल विकास पर भी जोर दिया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आईटी मंत्रालय पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और तकनीकी कंपनी के संपर्क में है। मंत्रालय चिंतित है और वह इसके मूल कारणों को समझने के लिए इसकी जांच करेगा। यह रुख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी, टीसीएस, इस साल 12,261 कर्मचारियों, यानी अपने वैश्विक कार्यबल के दो प्रतिशत, की छंटनी करने वाली है। इसका सबसे ज़्यादा असर मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर पड़ेगा। 30 जून, 2025 तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी। हाल ही में समाप्त अप्रैल-जून तिमाही में इसने अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000 की वृद्धि की। टीसीएस ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह कदम कंपनी को “भविष्य के लिए तैयार संगठन” बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। यह प्रौद्योगिकी, एआई तैनाती, बाजार विस्तार और कार्यबल पुनर्गठन में निवेश पर केंद्रित है।कंपनी ने कहा है कि “टीसीएस भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की दिशा में अग्रसर है। इसमें कई मोर्चों पर रणनीतिक पहल शामिल हैं। इनमें नई तकनीक के क्षेत्रों में निवेश करना, नए बाजारों में प्रवेश करना, अपने ग्राहकों और स्वयं के लिए बड़े पैमाने पर एआई का उपयोग करना, अपनी साझेदारियों को गहरा करना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना और अपने कार्यबल मॉडल को नया स्वरूप देना शामिल है।”

