- सीसीटीवी कैमरा मामले में पीआईएल के निराकरण के साथ हाईकोर्ट द्वारा सरकार को जरूरी जानकारी पेश करने का निर्देश
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सीसीटीवी की व्यवस्था न हो तो गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी द्वारा उचित कदम उठाना चाहिए
अहमदाबाद
सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के मामले हाईकोर्ट के समक्ष हुई जनहित की याचिका का हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल एवं जस्टिस डी.एन. रे की खंडपीठ ने निराकरण किया है। जबकि इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रख राज्य के पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार क्या वर्तमान परिस्थिति है, उसका विस्तृत पात्र एक रिपोर्ट के मार्फत कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है। एडिशनल एडवोकेट जनरल को खंडपीठ ने आदेश दिया है कि वह गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से समग्र जानकारी प्राप्त कर हाईकोर्ट के समक्ष पेश करें। इस केस के मुख्य याचिकाकर्ता दो एडवोकेट थे, जिन्हें लुणावडा पुलिस स्टेशन में बेरहमी से पीटा गया था। इसलिए एडवोकेट्स द्वारा पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज की मांग की गई थी, परंतु स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा ही न था। इसलिए इस समग्र मामले में उन्होंने एडवोकेट आफताब अंसारी के मार्फत हाईकोर्ट में जनहित की याचिका की थी। इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पक्ष को टिप्पणी की थी कि आपको हाईकोर्ट के समक्ष जनहित की याचिका करने के बदले संबंधित उच्च पुलिस अधिकारियों के समक्ष शिकायत करनी चाहिए थी। यह तो आपका निजी हित हो ऐसा केस है, इसमें जनहित की याचिका किस प्रकार हो सके। पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी किस प्रकार हो सके। पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा न होने संबंधी भी आपको संबंधित विभाग के समक्ष पहले शिकायत करनी चाहिए, न कि पिटिशन करनी चाहिए। इस प्रकार की टिप्पणी कर खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका का निराकरण करते उन्हें संबंधित अथॉरिटी के समक्ष अपने विवाद की शिकायत करने की छूट दी थी। यह आदेश देने के बाद खंडपीठ ने एडिशनल एडवोकेट जनरल को टिप्पणी की थी कि मामला पुलिस स्टेशनों तथा उसमें सीसीटीवी इंस्टोलेशन का है। हम इस मामले में रजिस्ट्रार जनरल को सुओमोटो रिट दायर करने का निर्देश देते हैं। जबकि उसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को इस मामले में व्यापक हित को ध्यान में रखते आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले अनुसार राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा इंस्टोलेशन मामले में एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीषा लवकुमार गृहविभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से सभी जानकारी प्राप्त कर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष शपथपत्र के मार्फत पेश करें। हाईकोर्ट ने ऐसी टिप्पणी भी की थी कि गृह विभाग के सेक्रेटरी को यदि सभी जानकारी हो एवं उसके बावजूद कुछ पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा न हो तो उनका कर्तव्य होता है कि जरूरी कदम उठाएं तथा कार्रवाई करें।

