नई दिल्ली
देश में राहुल गांधी की ओर से लगातार चुनाव आयोग पर किए जा रहे हमलों के बीच गलत चुनावी आंकड़े जारी करने पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने विकासशील समाज अध्ययन केंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सीएसडीएस ने अनुदान नियमों का उल्लंघन किया है। सीएसडीएस के चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के गलत आंकड़े पेश करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया था। इसमें दोनों चुनावों में महाराष्ट्र के कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी और कमी पर चिंता जताई गई थी। संजय कुमार के पोस्ट का इस्तेमाल करके राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था। बाद में सीएसडीएस के विश्लेषक ने पोस्ट को हटा लिया। सीएसडीएस को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के अंतर्गत संचालित किया जाता है। इस मामले में आईसीएसएसआर ने बड़ी कार्रवाई की है। आईसीएसएसआर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि आईसीएसएसआर द्वारा वित्त पोषित शोध संस्थान सीएसडीएस में जिम्मेदार पद पर आसीन एक व्यक्ति ने महाराष्ट्र में चुनावों के संबंध में मीडिया में बयान दिए हैं। जिन्हें बाद में डाटा विश्लेषण में गड़बड़ियों का हवाला देते हुए वापस लेना पड़ा। इसके अलावा संस्थान ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर अभ्यास की पक्षपातपूर्ण व्याख्या के आधार पर मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित की हैं। संस्थान ने कहा कि आईसीएसएसआर भारतीय संविधान का सर्वोच्च सम्मान करता है। भारत का चुनाव आयोग एक उच्च सांविधानिक निकाय है जो दशकों से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा रहा है। आईसीएसएसआर सीएसडीएस द्वारा डाटा हेरफेर और भारत के चुनाव आयोग की पवित्रता को कम करने के इरादे से एक कहानी बनाने के प्रयास को गंभीरता से संज्ञान लेता है। यह आईसीएसएसआर के अनुदान नियमों का घोर उल्लंघन है।

