- भारत की ऑटो क्रांति का केंद्र उत्तर गुजरात, VGRC के लिए तैयार
गांधीनगर । 7.5 लाख कार यूनिट प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता वाले सुजुकी मोटर्स के गुजरात प्लांट के साथ, उत्तर गुजरात भारत के प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माण केंद्रों में से एक बन चुका है। ऑटोमोबाइल निर्माण के लिए यहाँ मौजूद मजबूत व अनुकूल बुनियादी ढांचा, निवेश-अनुकूल नीतियां और रणनीतिक भौगोलिक स्थिति ने इस क्षेत्र को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए आकर्षक केंद्र बना दिया है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सुजुकी मोटर्स ने रु.3,200 करोड़ का निवेश करके अपनी चौथी प्रोडक्शन लाइन स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। 2012 से 2015 के बीच गुजरात में अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के निवेश की एक लहर देखने को मिली। आज, सुजुकी मोटर्स का गुजरात प्लांट भारत के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माण प्रतिष्ठानों में शामिल है और इसने मेहसाणा क्षेत्र में ऑटो कम्पोनेंट उद्योग में बड़े पैमाने पर निवेश को भी गति दी है। 2024 में राज्य ने लगभग रु.3,459 करोड़ के ऑटो निर्यात में योगदान दिया है, जिसमें दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, जापान, UAE और चिली प्रमुख निर्यात गंतव्य रहे। साथ ही, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में गुजरात में वित्त वर्ष 2022–23 में निवेश रु.29,700 करोड़ तक पहुंचा, जो पिछले पांच वर्षों में 16.4% की मजबूत CAGR का संकेत देता है। राज्य का मांडल–बेचराजी स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (SIR) अब प्रमुख ऑटो-औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरा है। हाल ही में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने दो प्रमुख घोषणाएं भी की हैं। जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी प्लांट (रु.7,300 करोड़) की स्थापना और ईवी निर्माण सुविधा (रु.3,100 करोड़) की स्थापना शामिल है। वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC) के मंच पर, राज्य न केवल ऑटोमोबाइल और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश के नए अवसरों को विश्व के सामने रखेगा, बल्कि अपनी गतिशील औद्योगिक विकास यात्रा को एक नए शिखर तक पहुँचाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

