नई दिल्ली: भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने मुंबई टीम की कप्तानी छोड़ने का बड़ा फैसला लिया है। रणजी ट्रॉफी का नया सीजन शुरू होने से ठीक पहले लिया गया यह निर्णय काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि रहाणे ने अपनी कप्तानी में मुंबई को 7 साल बाद चैंपियन बनाया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह एक नए कप्तान को तैयार करने का सही समय है। अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए, अजिंक्य रहाणे ने लिखा, “मुंबई टीम की कप्तानी करना और चैंपियनशिप जीतना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात रही है। आगे एक नए घरेलू सीजन के साथ, मेरा मानना है कि एक नए कप्तान को तैयार करने का यह सही समय है। इसलिए, मैंने कप्तानी की भूमिका जारी न रखने का फैसला किया है।” उन्होंने आगे कहा कि वह एक खिलाड़ी के रूप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के साथ अपना सफर जारी रखेंगे, ताकि हम और ज्यादा खिताब जीत सकें। रहाणे के इस फैसले से साफ है कि वह युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहते हैं, जबकि खुद एक वरिष्ठ खिलाड़ी के तौर पर टीम का मार्गदर्शन करते रहेंगे। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में मुंबई ने 2023-24 के सीजन में रिकॉर्ड 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था। मुंबई ने वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में विदर्भ क्रिकेट टीम को 169 रन से हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसके अलावा, 2024-25 सीजन में भी उनकी कप्तानी में टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई थी। इस दौरान रहाणे ने 14 पारियों में 35.92 की औसत से 467 रन बनाए थे। उनकी कप्तानी में मुंबई ने 2024-25 में ईरानी कप का खिताब भी अपने नाम किया था। लखनऊ में हुए फाइनल में मुंबई ने रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत हासिल की थी। यह दोनों खिताब रहाणे की नेतृत्व क्षमता और उनकी रणनीतिक समझ को दर्शाते हैं। रहाणे का यह फैसला मुंबई क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है, जहाँ अब किसी युवा खिलाड़ी को नेतृत्व की जिम्मेदारी मिल सकती है।

