मेक्सिको में मांस खाने वाले स्क्रूवर्म के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जो जानवरों और इंसानों दोनों के लिए गंभीर खतरा बन गया है. 17 अगस्त 2025 तक मेक्सिको में जानवरों में 5,086 मामले दर्ज किए गए हैं, जो जुलाई के आंकड़ों से 53% अधिक है. इनमें से 649 मामले अभी सक्रिय हैं. यह जानकारी मेक्सिको सरकार के आंकड़ों पर आधारित है, जो पहले सार्वजनिक नहीं की गई थी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि चिंताजनक है, खासकर गर्मी के मौसम में, क्योंकि इससे लगता है कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही. ज्यादातर मामले गायों में पाए गए हैं, लेकिन कुत्ते, घोड़े और भेड़ों में भी संक्रमण देखा गया है. 2023 से शुरू हुए इस प्रकोप ने मध्य अमेरिका से उत्तर की ओर फैलाव किया है. अब यह अमेरिका की सीमा के करीब पहुंच गया है. आइए समझते हैं कि स्क्रूवर्म क्या है? यह कैसे फैलता है? इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है? स्क्रूवर्म एक पैरासाइट है, जिसका वैज्ञानिक नाम न्यू वर्ल्ड स्क्रूवर्म है. यह गर्म खून वाले जानवरों (जैसे गाय, भेड़, कुत्ता, घोड़ा और इंसान) के घावों में सैकड़ों अंडे देती है. अंडे फूटने पर लार्वा निकलते हैं, जो अपनी तेज, हुक जैसे मुंह से जीवित मांस में घुस जाते हैं. ये लार्वा मांस खाते जाते हैं. घाव को बड़ा करते हैं. अगर इलाज न हो तो जानवर या व्यक्ति की मौत हो सकती है. लार्वा का नाम स्क्रूवर्म इसलिए पड़ा क्योंकि वे मांस में घुसते हुए स्क्रू (पेंच) की तरह लगते हैं. फैलाव का तरीका: मादा मक्खियां घावों, नाक, आंखों या मुंह के पास अंडे देती हैं. गर्म मौसम में ये तेजी से फैलते हैं. 2023 में मध्य अमेरिका (पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास, ग्वाटेमाला आदि) से शुरू होकर यह मैक्सिको पहुंचा. अब यह उत्तर की ओर बढ़ रहा है. इलाज: घाव साफ करना, लार्वा निकालना और एंटीबायोटिक्स देना जरूरी. लेकिन अगर देर हो जाए, तो संक्रमण घातक हो जाता है. अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अनुसार, यह पैरासाइट दक्षिण अमेरिका में आम है, लेकिन 1960 के दशक में अमेरिका और मेक्सिको से खत्म कर दिया गया था. अब फिर से लौट आया है.

