गांधीनगर
नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ने गुजरात में निर्माण श्रमिकों के लिए वृद्धावस्था पेंशन योजना की विफलता को उजागर किया है। 60 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को रु 800 मासिक पेंशन देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन 2017 से 2023 तक इस योजना पर केवल रु. 2.85 लाख खर्च हुए, जबकि रु.26.94 करोड़ अप्रयुक्त पड़े रहे। परिणामस्वरूप, हजारों वृद्ध श्रमिक लाभ से वंचित रहे।राज्य में अनुमानित 15 लाख निर्माण श्रमिक हैं, लेकिन केवल 1.57 लाख पंजीकृत हैं। पंजीकरण के लिए ठेकेदार से 90 दिन काम का प्रमाणपत्र आवश्यक है। कैग के अनुसार, 31 मार्च 2022 तक 1,20,455 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1.08 लाख स्वीकृत किए गए। जांच में पाया गया कि गैर-निर्माण व्यवसायियों जैसे दर्जी, ड्राइवर, और सब्जी विक्रेताओं ने भी ‘ई-निर्माण’ कार्ड हासिल कर लिया। 2017-19 के दौरान केवल 40 श्रमिकों को पेंशन मिली, और बाद में योजना बंद कर दी गई। जून 2017 में नियमों में बदलाव का प्रस्ताव लंबित है।

