- सृजन साहित्य, नगर प्राथमिक शिक्षा समिति, बड़ौदा डिस्ट्रिक्ट कल्चरल एसोसिएशन एवं हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस का भव्य आयोजन किया गया
- संस्था द्वारा हिंदी के विकास में योगदान देने वाले 50 शिक्षकों और साहित्यकारों को सम्मानित किया गया
वडोदरा । सृजन साहित्य, नगर प्राथमिक शिक्षा समिति, बड़ौदा डिस्ट्रिक्ट कल्चरल एसोसिएशन एवं हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस का विशेष आयोजन बड़ौदा सेंट्रल लाइब्रेरी, मांडवी के सहयोग से अत्यंत हर्षोल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ। यह आयोजन दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चला, जिसमें साहित्य, शिक्षा और समाज सेवा से जुड़े अनेक प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निषीध देसाई (अध्यक्ष, नगर प्राथमिक शिक्षा समिति) थे, डॉ. अर्जुन सिंह मकवाना (सपोर्ट डायरेक्ट, बीआरजी ग्रुप एवं सचिव, बड़ौदा डिस्ट्रिक्ट कल्चरल एसोसिएशन) तथा सृजन साहित्य की संस्थापक रश्मि रंजन उपस्थित रही। इसके साथ ही पूर्व शिक्षणाधिकारी नैषध मकवाना, हिंदुस्तान स्काउट एंड गाइड के गुजरात राज्य कक्षा ट्रेनर निमेष मिश्रा एवं बड़ौदा सेंट्रल लाइब्रेरी के सीनियर क्लर्क भावेश भाई घोन्डे की गरिमामयी उपस्थिति भी रही। कार्यक्रम का संचालन दिनेश डोंगरे “नादान” ने किया। इस अवसर पर संस्था द्वारा हिंदी के विकास में योगदान देने वाले 50 शिक्षकों और साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। साथ ही सृजन साहित्य द्वारा “सनातन धर्म” विषय पर दुर्लभ पुस्तक का संरक्षण लाइब्रेरी में किया गया तथा कारगिल दिवस में सम्मिलित रचनाकारों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए। वक्ताओं ने हिंदी दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और एकता की सशक्त कड़ी है। यह जन-जन को जोड़ने वाली आत्मा है, जिसकी समृद्धि और प्रसार से भारतीय समाज की पहचान और भी सुदृढ़ होती है। सृजन साहित्य ने वर्षों से हिंदी भाषा एवं साहित्य के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्था निरंतर कवि-सम्मेलन, साहित्यिक गोष्ठियाँ और सांस्कृतिक आयोजन कर न केवल साहित्यकारों को मंच प्रदान कर रही है, बल्कि नई पीढ़ी में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना भी जागृत कर रही है। इस अवसर पर साहित्यकारों ने हिंदी दिवस पर काव्य एवं वक्तव्य प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों में रश्मि रंजन, प्रेम नारायण तिवारी, अरविंद कुमार मिश्र, दिनेश डोंगरे “नादान”, युक्ति खत्री, दीपक नायकवाड़े “दीया”, उमेश उपाध्याय, कल्याणी झा, अमित तिवारी “मीत”, धीरेन्द्र सिंह तोमर, मंजिरी “निधि”, राजेन्द्र चौहान, डॉ. झलक पटेल, अल्पाबेन भट्ट, मानसी म्हस्कर, दीपक नायकवाड़े “दिया ”, तारक मेहता, अंकित मेहता, धर्मेश पदी, गुलाम अब्बास नाशाद, राजीव सक्सेना, सुशील कुमार वर्मा एवं सत्यप्रकाश शर्मा शामिल रहे। यह आयोजन न केवल साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने वाला रहा, बल्कि हिंदी भाषा को राष्ट्र की आत्मा मानते हुए उसके संरक्षण और संवर्धन के संकल्प को भी मजबूत करता है। वडोदरा में आयोजित यह हिंदी दिवस समारोह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत सिद्ध होगा।
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