गांधीनगर । राज्य में 55 हजार दवा की दुकानें हैं जिन पर देखरेख रखने के लिए मात्र 40 ड्रग इंस्पेक्टर हैं! पिछले काफी समय से नकली दवाओं की बिक्री बढ़ी है तथा फार्मासिस्ट भाड़े से लाइसेंस देते होने से फार्मासिस्ट बिना ही दवा की दुकानें चलती होती हैं तब सतत एवं अपर्याप्त चेकिंग के अभाव में नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ होने की संभावना है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को गुजरात फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा की गई लिखित शिकायत में बताया गया है कि मशेलकर कमेटी की रिपोर्ट अनुसार आदर्श रूप से 100 मेडिकल स्टोर प्रति एक ड्रग इंस्पेक्टर होना चाहिए। राज्य में जब 12 हजार मेडिकल स्टोर थे तब 85 ड्र्ग इंस्पेक्टरों का महेकम मंजूर किया था। उसके सामने हाल उससे साढ़े चार गुना स्टोर खुल गए होने के बावजूद महेकम तो बढ़ाया नहीं, अपितु खाली पद भी भरे नहीं जा रहे।

