साहित्य उपवन रचनाकार का तृतीय वार्षिकोत्सव
28 सितंबर 2028 को यमुना विहार, दिल्ली में साहित्य उपवन रचनाकार का तृतीय वार्षिकोत्सव और सम्मान समारोह देश के दिग्गज साहित्यकारों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर दो महत्वपूर्ण पुस्तकों—साझा काव्य संग्रह “हौसलों के हमसफ़र भाग-2” और कच्छ, गुजरात की साहित्यकार पदमा मोटवानी द्वारा संपादित “कृति मंथन”—का भव्य विमोचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन और वंदना के साथ हुआ। उत्तराखंड से पधारी रचनाकारों ने अपनी लोकसंस्कृति से सजी देव वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद, सभी रचनाकारों को अंग वस्त्र, ट्रॉफी और सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया।
दोनों पुस्तकों का विमोचन कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. महेश ‘दिवाकर’ ने सारस्वत अतिथि डॉ. अनिल बाजपेई, विशिष्ट अतिथि डॉ. अशोक मधुप, डॉ. महेश वर्मा दिव्यमणि, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति, श्री रजनीश त्रिवेदी, और संस्थापक डॉ. रोहित रोज की उपस्थिति में किया। इस काव्य संग्रह की सराहना करते हुए डॉ. महेश दिवाकर ने इसे अनुपम और लयबद्ध बताया। डॉ. राकेश सक्सेना ने इसे अदम्य साहसी, प्रेरक किरदारों का दस्तावेज़ कहा। डॉ. रोहित रोज ने बताया कि इस पुस्तक में ऐसे बीस किरदारों के हौसलों की कहानी है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य हासिल करके समाज को प्रेरणा दी। इस कृति में देश भर के 75 रचनाकारों ने अपनी लेखनी से योगदान दिया है, जिसका संपादन डॉ. रोहित रोज और संगीता मिश्रा ने किया है।
‘कृति मंथन’ पर बोलते हुए डॉ. राकेश सक्सेना ने इसे कहानी संग्रहों, काव्य संग्रहों और विभिन्न समीक्षाओं पर केंद्रित एक सुंदर कोलाज बताया। उन्होंने कहा कि यह कृति गुजरात की सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. मालती रामविलास दुबे जी के व्यक्तित्व और कृतित्व का संपूर्ण दिग्दर्शन कराती है। उन्होंने पदमा गोविंद मोटवानी द्वारा संपादित इस पुस्तक को ‘साहित्य की तिजोरी का खजाना’ बताया। कार्यक्रम का सुंदर और सशक्त संचालन आर डी गौतम विनम्र ने किया। कार्यकारी अध्यक्षा संगीता मिश्रा और कार्यकारिणी सदस्यों डॉ. सुनीता सक्सेना ममता की छांव, श्री जगदीश गोकलानी, अंशी कमल, सुधा बसोर सौम्या, कृष्ण कांत मिश्र, और आर डी गौतम विनम्र के अथक प्रयासों से यह साहित्य महोत्सव ऐतिहासिक बना। अंत में गुरुमाता के आशीर्वचन और अध्यक्ष डॉ. रोहित रोज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।

