नई दिल्ली। छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। चैतन्यानंद की पांच दिन की पुलिस हिरासत आज खत्म हो गई थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस उसे पटियाला हाउस कोर्ट लेकर पहुंची थी।वहीं, कोर्ट ने चैतन्यानंद ने 3 आवेदनों पर पुलिस से जवाब मांगा है। इसमें उसकी चीजों की सूची, केस की जानकारी, संन्यासी के खाने-पीने, कपड़े, दवाइयां और किताबें देने की बात शामिल है।
पाकिस्तान ने ट्रंप के गाजा प्लान पर मारी पलटी ,ये मुस्लिम देशों वाला प्रस्ताव नहीं: इशाक डार
इस्लामाबाद। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गाजा युद्ध खत्म करने के लिए पेश किए गए 20 बिंदुओं वाले ब्लूप्रिंट को पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों की ओर से दी गई ड्राफ्ट योजना से अलग बताया है.इशाक डारके मुताबिक, 22 सितंबर को मुस्लिम देशों ने ट्रंप से हुई बैठक में साफ कहा था कि गाजा से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी होनी चाहिए. लेकिन ट्रंप की योजना में सिर्फ आंशिक वापसी का जिक्र है ताकि हमास के कब्जे में मौजूद बंधकों को छोड़ा जा सके।
लेह हिंसा-वांगचुक की पत्नी की सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका
नई दिल्ली। सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गीतांजलि जे अंगमो ने वांगचुक को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका लगाई है।डॉ. अंगमो ने 2 अक्टूबर को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। अंगमो ने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में हर जगह उनका पीछा किया जा रहा है। उनके एक कर्मचारी को भी हिरासत में रखा गया है।वांगचुक फिलहाल जोधपुर की जेल में हैं, उन्हें 24 सितंबर को लेह हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा में 4 लोग मारे गए थे।सोनम के अलावा लेह की स्थानीय जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को 2 अक्टूबर को छोड़ दिया गया। इन पर गंभीर धाराएं नहीं थीं। 30 लोग अभी जेल में हैं।गीतांजलि ने X पर एक पोस्ट में लिखा- आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अंगमो ने वकील सर्वम ऋतम खरे के जरिए दायर याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है। साथ ही उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।

