- गांधीनगर में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
गांधीनगर
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि हमारी भूमि सभ्यता का आधार और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इतना ही नहीं, भूमि किसानों की आजीविका, उद्योग-व्यापार के निवेशों और लोगों के अधिकार का प्रमाण भी है। उन्होंने कहा कि इस प्रमाण को त्रुटिहीन और सुगम बनाने की प्राथमिकता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) उपयुक्त बना है। मुख्यमंत्री ने यह बात शुक्रवार को गांधीनगर में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन पर शुरू हुए दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने इस अवसर पर नए राजस्व कार्यालयों और आवासीय भवनों का उद्घाटन, नई योजनाओं का प्रदर्शन, राजस्व डायरी का विमोचन, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर और घुमंतू जातियों के परिवारों को स्वामित्व कार्ड, सुरक्षा किट एवं आवासीय भूखंड की सनद का वितरण भी किया। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन राज्य सरकार और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग तथा गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। इस सम्मेलन में नागरिक-केंद्रित शासन के लिए राजस्व कानूनों का आधुनिकीकरण, भूमि अभिलेख और पंजीकरण प्रणालियों का उन्नयन, शहरी भूमि अभिलेखों का निर्माण और अद्यतनीकरण, राजस्व न्यायालयों के मामलों का पुनर्गठन, पुनः सर्वेक्षण प्रयास और भूमि अधिग्रहण, आपदा प्रबंधन में श्रेष्ठ कार्य, आधुनिक भूमि प्रशासन के लिए मानव संसाधन नियोजन जैसे विभिन्न विषयों पर महानुभावों द्वारा पैनल चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय सम्मेलन को सुशासन के साथ-साथ सतत विकास, आर्थिक प्रगति और सामाजिक न्याय की आवश्यकता के अनुरूप सम्मेलन करार दिया।दो दिवसीय सम्मेलन में भूमि प्रशासन और आपदा प्रबंधन से जुड़े 8 विभिन्न विषयों पर सेमिनार, पैनल चर्चा और एक्शन सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।

