राज्यों से लिस्ट मांगी; 3 सिरप की बिक्री पर रोक, श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गिरफ्तार , अबतक 25 मौतें
नई दिल्ली(वी.एन.झा)। मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से अबतक 24 बच्चों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने देशभर में सिरप बनाने वाली फॉर्मा कंपनियों की जांच और सैंपल टेस्टिंग करने का फैसला किया है।सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सिरप बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट मांगी है, ताकि उनकी क्वालिटी और सुरक्षा की जांच की जा सके। CDSCO ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को बताया कि तीन सिरप कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश-टीआर और रिलाइफ की बाजार में बिक्री और उनके प्रोडक्शन पर भी रोक लगा दी है।वहीं, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि दवा बनाने से पहले कच्चे माल और तैयार दवाओं की टेस्टिंग जरूर की जाए। जांच में पाया गया है कि कई दवा कंपनियां हर बैच की सही तरीके से जांच नहीं कर रहीं, जिससे दवाओं की क्वालिटी खराब हो रही है। मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा 24 से बढ़कर 25 हो गया है। छिंदवाड़ा के मोरडोगरी परासिया निवासी गर्विक (1 वर्ष) पिता बाबू पवार की गुरुवार दोपहर नागपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई।इससे पहले मध्य प्रदेश की SIT टीम ने बुधवार रात चेन्नई में कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया था। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं। मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है। वकील विशाल तिवारी की याचिका में इस मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है।

