राजकोट
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 13 अक्टूबर, 2025 को वलसाड स्थित आरपीएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने यात्रियों की जान बचाने में उनके साहसिक प्रयासों के लिए, 41 आरपीएफ कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्हें सराहनीय सेवा के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति पदक, जीवन रक्षा पदक आदि से सम्मानित किया गया था। ये पुरस्कार देश के रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा में आरपीएफ की अनुकरणीय सेवा को दर्शाते हैं और बल के अन्य सदस्यों को नए जोश के साथ अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने आरपीएफ परेड की औपचारिक सलामी भी ली, जो अनुशासन और प्रतिबद्धता का एक उल्लेखनीय प्रदर्शन था। मंत्री ने परेड के दौरान कर्मियों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन, सटीकता और समर्पण के उच्च स्तर की सराहना की। अपने संबोधन में वैष्णव ने आरपीएफ कर्मियों को उनके स्थापना दिवस प
र हार्दिक बधाई दी और यात्रियों एवं रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके अटूट समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की। मंत्री ने हाल ही में हुए महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुरक्षित एवं सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ की उल्लेखनीय सेवा की सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। पिछले 11 वर्षों में, लगभग 35,000 किलोमीटर नई रेल पटरियाँ बिछाई गई हैं, और 99 प्रतिशत रेलवे नेटवर्क (लगभग 60,000 किलोमीटर) का विद्युतीकरण किया जा चुका है। वर्तमान में, लगभग 150 वंदे भारत और 30 अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं, जो यात्रियों को विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1300 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा चुका है, जिनमें से 110 स्टेशनों का उद्ïघाटन हो चुका है और शेष पर काम तेज़ी से चल रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि त्योहारी सीजन की मांग को पूरा करने के लिए, दिवाली और छठ के लिए रिकॉर्ड संख्या में 12,000 से ज़्यादा विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिससे सभी यात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित हो रही है। वैष्णव ने इस बात पर जोर दिया कि कवच प्रणाली को दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों पर तेजी से लागू किया जा रहा है और यह अपने अंतिम चरण में है। कवच को 1200 इंजनों पर स्थापित किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि हर साल लगभग 7000 कोच बनाए जा रहे हैं, जबकि लोगों की सुविधा के लिए 3500 सामान्य कोच जोड़े गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे सुरक्षा बल में आधुनिक तकनीक का व्यापक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है और इस दिशा में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
इस अवसर पर धवल पटेल, सांसद, वलसाड भरतभाई पटेल, विधायक, वलसाड, जीतूभाई चौधरी, विधायक, कपराडा; रमनलाल पाटकर, विधायक, उमरगाम; सोनाली मिश्रा, महानिदेशक, आरपीएफ; विवेक कुमार गुप्ता, महाप्रबंधक, पश्चिम रेलवे; अजय सदानी, महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, पश्चिम रेलवे; पंकज सिंह, मंडल रेल प्रबंधक, मुंबई सेंट्रल मंडल और पश्चिम रेलवे मुख्यालय एवं मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आरपीएफ स्थापना दिवस परेड, आरपीएफ सदस्यों और उनके परिवारों द्वारा मनाई जाती है। यह जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि का दिन है। आरपीएफ एक करुणामयी बल के रूप में उभरा है क्योंकि यह रेलवे के संपर्क में आने वाली महिलाओं, बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और देखभाल व सुरक्षा की आवश्यकता वाले अन्य लोगों की सहायता करता रहा है। यह बल रेल यात्रियों को सुरक्षित, संरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कार्यरत है। परिवहन सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर, आतंकवादी कृत्यों के विरुद्ध निवारक कार्रवाई करके, मानव तस्करी सहित अपराधों से लडक़र, अपराधों का पता लगाने में पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करके, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करके, यह राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने ‘सेवा ही संकल्प’ के उद्देश्य को साकार करने के लिए पूरी लगन, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा में खुद को समर्पित किया है और अपने आदर्श वाक्य ‘यशो लाभस्व’ या ‘यश प्राप्त करो’ की प्राप्ति में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

