नई दिल्ली (वी.एन.झा)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश में कहा, ‘जांच एजेंसियां किसी भी वकील को तब तक समन नहीं कर सकतीं, जब तक पुलिस अधीक्षक (SP) की लिखित मंजूरी न हो। यह कदम वकील और मुवक्किल के बीच की गोपनीयता के अधिकार की रक्षा के लिए जरूरी है।इसके आदेश के साथ ही कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को भेजे गए समन को भी रद्द कर दिया। सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन.वी. अंजरिया की बेंच ने यह फैसला खुद से नोटिस मामले में सुनाया है।दरअसल, यह मामला ED के वकीलों अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में समन भेजने से जुड़ा था। इस कदम की सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने आलोचना की थी।इसके बाद ED ने जून में अपने अधिकारियों के लिए आंतरिक दिशा-निर्देश जारी किए थे कि अब किसी वकील को केवल निदेशक की पूर्व अनुमति और धारा 132 के अनुपालन में ही समन किया। gujaratvaibhav.com

