नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह कोई ऐसा आदेश नहीं देना चाहता जिससे भारत और रूस के संबंधों को नुकसान पहुंचे। अदालत ने यह टिप्पणी उस मामले की सुनवाई के दौरान की जिसमें एक रूसी महिला अपने भारतीय पति से बच्चे की कस्टडी (हिरासत) को लेकर विवाद में है और बच्चे को लेकर रूस भाग गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि यह मामला कूटनीतिक तौर पर संवेदनशील है और विदेश मंत्रालय (एमईए), दिल्ली पुलिस, मॉस्को में भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में रूसी दूतावास- सभी को मिलकर समाधान निकालने की जरूरत है ताकि बच्चा अदालत की निगरानी में वापस लाया जा सके।रूसी महिला 2019 से भारत में रह रही थी और ‘एक्स-1 वीजा’ पर आई थी, जो बाद में खत्म हो गया। अदालत ने मुकदमे के दौरान कई बार उसका वीजा बढ़ाने का निर्देश दिया था। लेकिन जुलाई में महिला अपने बच्चे के साथ नेपाल के रास्ते शारजाह होते हुए रूस चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को ‘गंभीर अदालत की अवमानना’ बताया था और दिल्ली पुलिस को तुरंत बच्चे का पता लगाने के आदेश दिए थे। केंद्र सरकार को भी निर्देश दिया गया था कि महिला और बच्चे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया जाए ताकि वे देश से बाहर न जा सकें- लेकिन तब तक वे निकल चुके थे।विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसने रूस के प्रॉसिक्यूटर जनरल ऑफिस से औपचारिक सहयोग मांगा है। म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) के तहत 17 अक्तूबर को एक नया अनुरोध भेजा गया है ताकि रूस में महिला और बच्चे का पता लगाया जा सके। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से रूसी दूतावास से बात की है, लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस, नेपाल के अधिकारियों के साथ भी एमएलएटी चैनल के जरिए काम कर रही है।मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, ‘हम भारत-रूस संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, लेकिन मामला एक बच्चे से जुड़ा है। हम यही उम्मीद करते हैं कि बच्चा अपनी मां के साथ सुरक्षित और स्वस्थ है। आशा है कि यह मानव तस्करी का मामला नहीं है।’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि दिल्ली स्थित रूसी बैंक सर्बैंक से उस क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगी गई जिससे टिकट बुक हुआ था, लेकिन बैंक ने बैंकिंग गोपनीयता कानूनों का हवाला देकर जानकारी देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले में अदालत ने विदेश मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं और दो हफ्तों में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि भारत सरकार और रूसी अधिकारियों के बीच समन्वय से बच्चे की वापसी और मां की जिम्मेदारी तय करने में क्या प्रगति हुई है। gujaratvaibhav.com

