नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की चल रही जांच के तहत बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ₹61.20 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है। ईडी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में ₹59.96 करोड़ मूल्य की 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि के रूप में अचल संपत्तियां शामिल हैं। इसके अलावा, ₹1.24 करोड़ की चल संपत्तियां बैंक बैलेंस और सावधि जमा के रूप में पाई गई हैं। यह कदम छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामलों की जांच के दौरान उठाया गया है। ईडी की कार्रवाई से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। ईडी के अनुसार पीएमएलए के तहत की गई जांच से पता चला है कि भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर तैनात थे। मुख्यमंत्री के पुत्र होने के नाते, उन्हें शराब सिंडिकेट का नियंत्रक और अंतिम अधिकारी बनाया गया था। वह सिंडिकेट की ओर से एकत्रित सभी अवैध धन का हिसाब रखते थे। ये धन (अपराध की आय या पीओसी) के संग्रह, चैनलाइजेशन और वितरण से संबंधित सभी बड़े फैसले उनके निर्देशों के तहत लिए जाते थे।

