- किसी समाज के अगुआओं ने स्वयं संपर्क कर परिजनों को अंगदान के लिए समझाया हो, ऐसा पहला मामला : डॉ. राकेश जोशी
अहमदाबाद। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में 221वां अंगदान हुआ। कच्छ जिले की 33 वर्षीय शारदाबेन महेश्वरी ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उनके परिवार ने महान निर्णय लिया और एक लीवर व दो किडनी दान की। इससे तीन जरूरतमंद मरीजों को नया जीवन मिलेगा। सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि यह पहला मौका है जब किसी समाज के अगुआओं ने स्वयं पहल कर ब्रेन डेड मरीज के परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया। कच्छ के महेश्वरी मेघवाल समाज के नवीनभाई हिंगणा, पुंजाभाई मांगलिया, भरतभाई, अरविंदभाई, गोविंदभाई समेत कई अगुआओं ने अंगदान चैरिटेबल ट्रस्ट के दिलीप देशमुख से संपर्क कर शारदाबेन के पति शंकरभाई, भाइयों व माता-पिता को समझाया और सहमति दिलाई। समाज के नेताओं ने कहा कि हर समाज को पुरानी रूढ़ियों व अंधविश्वासों से बाहर निकलकर देश व समाज के हित में अंगदान जैसे पुनीत कार्य के लिए आगे आना चाहिए। यह दान सभी जाति-समाजों के लिए प्रेरणा बन सकता है।शारदाबेन को मस्तिष्क में रक्तस्राव के बाद पहले भुज और फिर 18 नवंबर 2025 को अहमदाबाद सिविल लाया गया था। 19 नवंबर को उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया। दान किया गया लीवर शहर की केडी अस्पताल और दोनों किडनी सिविल के किडनी अस्पताल में जरूरतमंदों में प्रत्यारोपित की जाएंगी डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, अब तक अस्पताल में 221 अंगदाताओं से 732 अंग और 182 ऊतक (156 नेत्र + 26 त्वचा) मिलाकर कुल 914 अंग-ऊतक प्राप्त हुए हैं। इनमें 195 लीवर, 406 किडनी, 71 हृदय, 34 फेफड़े, 18 अग्न्याशय, 6 हाथ, 2 छोटी आंत आदि शामिल हैं।डॉ. जोशी ने सामाजिक संस्थाओं की भूमिका को सराहते हुए कहा कि कई बार भावनात्मक कारणों से परिवार निर्णय नहीं ले पाता, तब ये संस्थाएं अहम भूमिका निभाती हैं।

