नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने अब छोटे और प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा को मजबूत करने की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, अब सीआईएसएफ देश के लगभग 250 समुद्री बंदरगाहों की सुरक्षा की जिम्मेदार होगी। सीआईएसएफ के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजय दहिया ने बताया कि पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने 18 नवंबर को इससे जुड़ा आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के समुद्री बंदरगाहों की सुरक्षा को आधुनिक और बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम सुधार और दूरदर्शी पहल है। व्यापार, नौपरिवहन और भारत की बढ़ती ब्लू इकोनॉमी में बंदरगाहों की अहम भूमिका को देखते हुए सरकार सुरक्षा को आधुनिक और स्टैंडर्ड बनाने के लिए कई मानक लागू कर रही है। सीआईएसएफ को अब समुद्री बंदरगाहों के लिए ‘मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन (आरएसओ) के तौर पर तय किया गया है। यह आरएसओ बंदरगाह सुरक्षा के नियामक की भूमिका निभाता है। सीआईएसएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, अब तक बंदरगाहों के लिए कोई पेशेवर सुरक्षा संगठन नहीं था और यह विषय डीजी शिपिंग के अंतर्गत संभाला जाता था। हालांकि, अब सीआईएसएफ बंदरगाहों पर सुरक्षा आंकने का काम करेगी, साथ ही सुरक्षा योजनाओं की तैयारी और आधारभूत सुरक्षा कार्यों का नेतृत्व भी करेगी।अधिकारियों ने बताया कि एक हाइब्रिड सुरक्षा मॉडल, बेहतर स्क्रीनिंग सिस्टम और बंदरगाह के सुरक्षाकर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण संस्थान भी शुरू किए जा रहे हैं। डीआईजी दहिया के मुताबिक, ये कदम भारत को सुरक्षित, कुशल और भविष्य-उन्मुख बंदरगाह तंत्र विकसित करने में मदद करेंगे। इससे देश की आर्थिक प्रगति और वैश्विक समुद्री महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देंगे।बता दें कि भारत में लगभग 250 छोटे और मध्यम समुद्री बंदरगाह हैं। इनमें से केवल 65-68 ही सक्रिय रूप से कार्गो गतिविधियों से जुड़े हैं। सीआईएसएफ मौजूदा समय में सभी 13 प्रमुख बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए तैनात है, जबकि छोटे बंदरगाहों के कार्गो जोन, वेयरहाउस, एक्सेस गेट और अन्य प्रतिष्ठानों में निजी सुरक्षा एजेंसियां अहम भूमिका निभाती हैं।

