गांधीनगर
मेहसाणा जिले के वडनगर में हर वर्ष ताना-रीरी महोत्सव उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। इस वर्ष इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के करकमलों से 22 नवंबर को कराया जाएगा। इस वर्ष सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका सुकलापिनी कोमकली को ताना-रीरी संगीत सम्मान अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। 22 व 23 नवंबर को आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव में शाम को शास्त्रीय गायन, वादन तथा लोक संगीत के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के दूसरे दिन यानी 23 नवंबर को गुजरात सरकार के वन एवं पर्यावरण तथा सड़क परिवहन राज्य मंत्री प्रवीण माली मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। वडनगर की ऐतिहासिक संगीत परंपरा को जीवंत रखने के लिए वर्ष 2003 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ताना-रीरी महोत्सव तथा 2010 में ताना-रीरी संगीत सम्मान अवॉर्ड की शुरुआत कराई गई थी। राज्य के खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ विभाग अधीनस्थ संगीत नाटक अकादमी द्वारा संगीत साम्राज्ञी ताना-रीरी की स्मृति में प्रति वर्ष इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दो दिवसीय महोत्सव में पहले दिन शाम को 6.30 बजे सुकलापिनी कोमकली द्वारा शास्त्रीय गायन, निलाद्री कुमार द्वारा शास्त्रीय वादन तथा सुईशानी दवे द्वारा लोक संगीत की प्रसुत्ति की जाएगी। दूसरे दिन डॉ. सुभद्रा देसाई द्वारा शास्रीय गायन, निनद अधिकारी व उनकी टीम द्वारा शास्त्रीय गायन तथा पार्थ ओझा व उनकी टीम द्वारा लोक संगीत की प्रस्तुत की जाएगी।
गुजरात के संगीत इतिहास में अमर नाम ‘ताना-रीरी’
भक्त कवि नरसिंह मेहता की दोहित्री शर्मिष्ठा की सुपुत्रियों ताना एवं रीरी ने संगीत के प्रति अपने समर्पण से गुजरात के संगीत इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया है। संगीत सम्राट तानसेन ने जब दीपक राग छेड़ा, तब उनके शरीर में दाह उत्पन्न हुआ था, जिसे ताना-रीरी ने मल्हार राग गाकर शांत किया था। उनकी कला के सम्मान के संरक्षण के लिए दोनों बहनों ने आत्मबलिदान दिया था। संगीत की इन कलाधारिणी बहनों के सम्मान में वडनगर के ताना-रीरी समाधि स्थल पर वर्ष 2003 से हर वर्ष ताना-रीरी शास्त्रीय संगीत महोत्सव आयोजित होता है।

