“सच्ची दृष्टि आँखों में नहीं, दिल में होती है”: भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत को बताया साहस और अटूट जज़्बे की विजय
नई दिल्ली
भारतीय खेल इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। भारतीय दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम ने पहले ब्लाइंड विमेंस टी20 वर्ल्ड कप का ख़िताब जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया। मैदान पर उनका संघर्ष, आत्मविश्वास और टीम भावना देखने लायक थी, जहाँ आँखों की रोशनी भले ही कम थी, लेकिन सपनों की चमक ने दुनिया को मात दे दी।
इस यादगार उपलब्धि पर नीता एम. अंबानी ने टीम को दिल से बधाई देते हुए कहा: “हमारी दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट खिलाड़ियों ने एक बार फिर भारत का सिर गौरव से ऊँचा कर दिया है। दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम ने पहला टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतकर साबित कर दिया कि सच्ची दृष्टि आँखों में नहीं, दिल में होती है। यह जीत साहस, धैर्य और अटूट जज़्बे की विजय है। उन्होंने लाखों लोगों के लिए आशा, संभावना और प्रेरणा का मार्ग प्रकाशित किया है। टीम और उनके परिवारों को ढेरों बधाइयाँ! इंडियन ब्लाइंड विमेंस क्रिकेट टीम की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन चुकी है—जहाँ हौसला हो, वहाँ जीत खुद रास्ता ढूँढ लेती है।”

