अहमदाबाद के अलावा अबुजा भी था दौड़ में शामिल ओलिंपिक 2036 की दावेदारी मजबूत होगी
नई दिल्ली। भारत को 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी अधिकार मिल गए हैं। गुजरात के अहमदाबाद में ये खेल कराए जाएंगे। ग्लास्गो में बुधवार को हुई राष्ट्रमंडल खेल आमसभा की बैठक के दौरान भारत को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी आधिकारिक तौर पर सौंपी गई है। बुधवार को स्कॉटलैंड के ग्लासगो में कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक के बाद IOA की प्रेसिडेंट पीटी ऊषा ने ऑफिशियल डॉक्यूमेंट में साइन किया। 2010 के बाद यह पहला अवसर है जब भारत इन खेलों की मेजबानी करेगा। 2010 में नई दिल्ली में इन खेलों का आयोजन कराया गया था। पिछले महीने राष्ट्रमंडल खेल कार्यकारी बोर्ड ने अहमदाबाद में इन खेलों के आयोजन की सिफारिश की थी। अब ग्लास्गो में हुई आमसभा की बैठक में इसे अंतिम मंजूरी मिल गई है। अहमदाबाद के अलावा नाइजीरिया का अबुजा मेजबानी की दौड़ में शामिल था, लेकिन भारत बाजी मारने में सफल रहा। राष्ट्रमंडल खेल को 2030 में 100 साल भी पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे में इस ऐतिहासिक मौके पर भारत में इन खेलों का आयोजन होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। पहला राष्ट्रमंडल खेल 1930 में कनाडा के हैमिल्टन में आयोजित किए गए थे। अहमदाबाद में 2030 में होने वाला राष्ट्रमंडल खेल इस आयोजन के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण खेलों में से एक होने की उम्मीद है।इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस निर्णय से 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करने की भारत की महत्वाकांक्षा को भी बल मिला है। अहमदाबाद ओलंपिक खेलों की मेजबानी की दौड़ में भी शामिल है। इस शहर में पिछले एक दशक में खेल बुनियादी ढांचे में बड़ी प्रगति देखी गई है। 2010 में दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारत ने लगभग 70,000 करोड़ रुपये खर्च किये थे जो 1600 करोड़ रुपये के प्रारंभिक अनुमान से कहीं अधिक था। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने साथ ही यह भी पुष्टि की है कि 2030 के खेलों में 15 से 17 खेल शामिल होंगे। एथलेटिक्स और पैरा एथलेटिक्स, तैराकी और पैरा तैराकी, टेबल टेनिस और पैरा टेबल टेनिस, बाउल्स और पैरा बाउल्स, भारोत्तोलन और पैरा पावरलिफ्टिंग, कलात्मक जिमनास्टिक्स, नेटबॉल और मुक्केबाजी ऐसे खेल हैं जो निश्चित रूप से राष्ट्रमंडल खेल 2030 का हिस्सा होंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किसी भी देश के लिए सिर्फ खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास क्षमता, इन्फ्रास्ट्रक्चर और विजन का भी प्रतीक माना जाता है। अब तक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित कुल 9 देश इसकी मेजबानी कर चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार मेजबानी का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है।
गुजरात बनेगा देश की खेल राजधानी : सीएम भूपेंद्र पटेल
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा “अहमदाबाद, गुजरात और भारत के लिए यह अप्रतिम गौरव का क्षण है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निरंतर प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि गुजरात अब देश देश की खेल राजधानी के रूप में उभरेगा। इतना ही नहीं, विकसित गुजरात से विकसित भारत की संकल्पना को और भी मजबूत करेगा।
मांडविया ने बताया गौरवपूर्ण क्षण, पीटी उषा ने विश्वास के लिए जताया आभार
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भारत को मेजबानी मिलने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, यह एक गौरवपूर्ण क्षण है कि भारत शताब्दी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा। भारत प्रमुख आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है और 2047 तक शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में शामिल होगा। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने मेजबानी मिलने पर खुशी जाहिर की कहा कि भारत उस पर दिखाए गए विश्वास के लिए सभी का आभारी है। उन्होंने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों द्वारा दिखाए गए विश्वास से हम बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। 2030 के खेल न केवल राष्ट्रमंडल मूवमेंट के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे, बल्कि अगली सदी की नींव भी रखेंगे। ये खेल पूरे राष्ट्रमंडल एथलीटों, समुदायों और संस्कृतियों को मित्रता और प्रगति की भावना से एक साथ लाएंगे।

