बेंगलुरु
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान अपने चरम पर है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच ‘सीएम कौन बने’ का मामला पिछले एक हफ्ते से फिर चर्चा में है। कांग्रेस पहले ही चुनावी हार से परेशान है, ऐसे में यह विवाद पार्टी के लिए नया सिरदर्द बन गया है।शुक्रवार को बेंगलुरु में एक सरकारी कार्यक्रम में डीके शिवकुमार ने कहा कि 2004 में सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बन सकती थीं, लेकिन उन्होंने खुद यह मौका छोड़कर मनमोहन सिंह को जिम्मेदारी दी। उनका यह बयान साफ संकेत था कि वे त्याग और जिम्मेदारी बांटने की बात कर रहे हैं, जिसे कई लोग सीएम पद के विवाद से जोड़कर देख रहे हैं।
2023 विधानसभा चुनाव के बाद ही सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर एक समझौता बनाया गया था कि दोनों ढाई-ढाई साल तक बारी-बारी से सीएम रहेंगे। पिछला हफ्ता इसी आधे कार्यकाल की अवधि का समय था, लेकिन सिद्दरमैया के हटने का कोई संकेत नहीं मिला, न ही कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कोई निर्देश आया। पिछले कुछ दिनों से डीके शिवकुमार के समर्थक यह कह रहे हैं कि अब पार्टी को समझौते का सम्मान करना चाहिए। उनका कहना है कि आधा कार्यकाल पूरा हो गया है, इसलिए अब नेतृत्व को फैसले पर अमल करना चाहिए। इस बयानबाजी ने पार्टी के भीतर तनाव बढ़ा दिया है।

