इस फंड का इस्तेमाल नेशनल सिक्योरिटी में होगा, ताकि कारगिल जैसे हालात में बजट कम ना हो
नई दिल्ली (वी.एन.झा)
लोकसभा में शुक्रवार को हेल्थ सिक्योरिटी से नैशनल सिक्योरिटी सेस बिल पास हो गया। इस बिल के पास होने के बाद पान मसाला जैसी चीजें महंगी हो जाएंगी। बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सवालों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इससे मिले फंड का इस्तेमाल नेशनल सिक्योरिटी के लिए किया जाएगा।उन्होंने आगे कहा कि कारगिल लड़ाई तैयारी की कमी की वजह से हुई। आर्मी जनरलों ने बताया था कि 1990 के दशक की शुरुआत से बजट की कमी की वजह से, आर्मी के पास सिर्फ़ 70-80% ऑथराइज़्ड हथियार, गोला-बारूद और इक्विपमेंट थे। हम नहीं चाहते कि भारत में वह स्टेज फिर कभी वापस आए।संसद में गुरुवार को हेल्थ सिक्योरिटी से नैशनल सिक्योरिटी सेस बिल पेश किया गया था। इस बिल का मकसद पान मसाला के उत्पादन पर सेस लगाकर स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए धन जुटाना है। वित्त मंत्री ने बिल पेश करते हुए कहा कि सेस किसी भी आवश्यक वस्तु पर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक वस्तुओं पर लगाया जाएगा। उन्होंने कहा विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आम नागरिकों पर बोझ डाले बिना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी चीजों के लिए फंड मिले।वित्त मंत्री ने कहा कि इस बिल से प्राप्त राजस्व को विशिष्ट स्वास्थ्य योजनाओं के लिए राज्यों के साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत जीएसटी के अलावा पान मसाला इकाइयों पर स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर भी लगाया जाएगा। हनुमान बेनीवाल सहित अन्य विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। बेनीवाल ने सरकार से पूछा कि आप पान मसाला महंगा करने जा रहे हैं, गुटखा और पान मसाले का सेलेब्रिटी विज्ञापन कर रहे हैं। इसके खिलाफ सरकार क्या कर रही है।कांग्रेस के सांसद शशिकांत सेंथिल ने कहा कि इसे समझना मुश्किल है। ऐसे क्लॉज PMLA में देखने को मिले थे। वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने इसपर कहा कि मैं इसकी इम्पॉर्टेंस पर नहीं जाउंगी लेकिन देश की सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें रिसोर्सेस की जरूरत है।
वक्फ संपत्ति पंजीकरण : समय सीमा नहीं बढ़ेगी: रिजिजू
केंद्र सरकार ने वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण की समय सीमा बढ़ाने से इनकार करते हुए साफ कर दिया है कि तय डेडलाइन का पालन अनिवार्य होगा। हालांकि, उन लोगों को तीन महीने की राहत दी गई है जिन्होंने पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन किसी कारण पूरा नहीं कर पाए। यह फैसला ऐसे समय आया है जब लाखों संपत्तियों के पंजीकरण में देरी की शिकायतें सामने आई हैं।अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि UMEED पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों को अपलोड करने की छह माह की समय सीमा शुक्रवार को समाप्त हो गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के चलते समय सीमा बढ़ाना संभव नहीं है। रिजिजू ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक 1.51 लाख संपत्तियों का ही पंजीकरण हो सका, जबकि देशभर में नौ लाख से अधिक संपत्तियों को सूचीबद्ध किया जाना है।

