- केजरीवाल के तंग के बाद शासन और प्रशासन हरकत में आया
- राजधानी गांधीनगर में एक तालाब में बच्चे की मृत्यु की घटना के बाद प्रशासन की कड़ी आलोचना हुई
गांधीनगर । आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा गुजरात के 30 साल के शासन में सड़कों की स्थिति पर तंज कसने का असर बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में देखने को मिला। राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की सड़कों को लेकर सोशल मीडिया पर शुरू हुए अभियान और नागरिकों द्वारा साझा किए गए वीडियो के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों और प्रभारी सचिवों को अपने-अपने जिलों में जाकर सड़कों की मरम्मत और समीक्षा करने का आदेश दिया। वर्षा के कारण शहरों में सड़कों के टूटने और विकास कार्यों के दौरान बने गड्ढों से कई मानव हानि की घटनाएं सामने आई हैं। मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई और प्रत्येक मंत्री और सचिव को अपने प्रभारी जिलों में जाकर सड़कों की मरम्मत करवाने तथा मानसून के कारण नागरिकों को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। गांधीनगर और अहमदाबाद में वर्षा के कारण सड़कों के धुलने, पहले से चल रहे निर्माण कार्यों में स्थानीय नगर निगम और ठेकेदारों द्वारा सावधानी न बरतने के कारण कई हादसे हुए। राज्य के प्रमुख हाइवे पर जलजमाव के कारण नागरिकों का जीवन खतरे में पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, और सड़क-भवन विभाग के साथ मिलकर क्षेत्र में जाकर समीक्षा करने और कार्यस्थलों का दौरा करने का निर्देश दिया। भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए सभी मंत्रियों और सचिवों को संबंधित विभागों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि राजधानी गांधीनगर में एक तालाब में बच्चे की मृत्यु की घटना के बाद प्रशासन की कड़ी आलोचना हुई थी। अहमदाबाद और मुंबई तक के हाइवे पर गड्ढों की समस्या बनी हुई है। पहले मानसून से पहले गड्ढे खोदने का काम बंद कर दिया जाता था, लेकिन अब मानसून से पहले और उसके दौरान भी गड्ढे खोदे जा रहे हैं, और समय पर इन्हें भरा नहीं जाता, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया है। सरकार ने सड़कों पर गड्ढों को 48 घंटे के भीतर भरने का निर्देश दिया है, और इस निर्देश के अनुसार काम शुरू होने का दावा मंत्री ऋषिकेशभाई पटेल ने किया है।

