नई दिल्ली। दलाई लामा के उत्ताराधिकारी के चुनाव को लेकर विवाद के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने चीन को फटकार लगाई है। रिजिजू ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने का निर्णय स्थापित संस्था और दलाई लामा ही लेंगे। इसमें किसी अन्य की कोई भूमिका नहीं होगी। तिब्बत के सर्वोच्च धमर्गुरु 14वें दलाई लामा ने जब से अपने उत्तराधिकारी को चुनने का एलान किया है, तब से चीन इस चुनाव में हस्तक्षेप करना चाहता है। चीन का कहना है कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी को बीजिंग सरकार से मंजूरी लेनी होगी। बुधवार को तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि दलाई लामा संस्था जारी रहेगी और केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा।रिजिजू ने कहा कि दलाई लामा बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक संस्था हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके अगले अवतार का चुनाव स्थापित परंपरा और दलाई लामा की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। उनके और मौजूदा परंपराओं के अलावा किसी और को इसका निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।
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