पीएम ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित, त्रिनिदाद और टोबैगो हुए रवाना
अकारा। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर घाना पहुंचे हैं। गुरुवार को घाना ने पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने घाना की संसद को संबोधित किया। संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सर्वोच्च सम्मान देने के लिए आभार जताया। पीएम मोदी ने कहा कि आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव का अनुभव हो रहा है। घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना से ओतप्रोत है। पीएम मोदी ने आगे कहा, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर आया हूं। घाना से मिले सर्वोच्च सम्मान के लिए मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। घाना को सोने की भूमि के रूप में जाना जाता है, न केवल आपकी धरती के नीचे छिपी हुई चीजों के लिए बल्कि आपके दिल में मौजूद गर्मजोशी और ताकत के लिए भी’। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज मुझे दूरदर्शी राजनेता तथा घाना के प्रिय पुत्र डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
उन्होंने एक बार कहा था कि हमें एकजुट करने वाली ताकतें हमें अलग रखने वाले आरोपित प्रभावों से कहीं अधिक बड़ी हैं। उनके शब्द हमारी साझा यात्रा का मार्गदर्शन करते रहेंगे। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में 2500 राजनीतिक दल हैं। 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों में सरकार चला रही हैं। यही वजह है कि भारत में आने वाले लोगों को भारत में भव्य स्वागत होता है। घाना में भारत के लोग उसी तरह घुले-मिले हैं जैसे चाय में शक्कर मिली होती है। पीएम ने कहा, जब हम घाना को देखते हैं तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं जो साहस के साथ खड़ा है। समावेशी प्रगति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता ने वास्तव में घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है। घाना की संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- भारत और घाना के संबंध काफी मजबूत हैं। भारत-घाना समावेशी विकास की ओर बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र सिस्टम नहीं संस्कार हैं। घाना में पिछले कुछ वर्षों से काफी तेजी से विकास हुआ है। इस वक्त भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा- दुनिया इस वक्त कई समस्याओं से जूझ रही है, जिसमें आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन इस समय बड़ी समस्याएं हैं। वहीं भारत का लोकतंत्र आशा की किरण बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाना की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी 3-4 जुलाई, 2025 को त्रिनिदाद और टोबैगो की आधिकारिक यात्रा करेंगे।
दोनों देशों में 4 MoU साइन हुए
दोनों देशों ने चार महत्वपूर्ण समझौते (MoU) पर साइन किए। विदेश मंत्रालय के सचिव दम्मू रवि ने बताया कि ये समझौते दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेंगे।विदेश मंत्रालय लेबल पर जॉइंट कमीशन बैठक की स्थापना करना।पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों देश एक्सपर्ट्स की ट्रेनिंग और एक्सपीरियंस शेयर करेंगे।कल्चरल एक्टिविटी से जुड़ा है, जिससे सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।स्टैंडर्ड सेटिंग (प्रोडक्ट और सर्विस के लिए गुणवत्ता नियम तय करना) करना, जिससे आर्थिक सहयोग बढ़ेगा।
घाना के राष्ट्रपति-स्पीकर को दिए खास तोहफे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा, उनकी पत्नी और संसद अध्यक्ष को भारत की पारंपरिक कलाकृतियों से जुड़े अनोखे और सुंदर तोहफे दिए। इन खास उपहारों के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय कला, कारीगरी और विरासत को घाना के लोगों तक पहुंचाने का संदेश दिया। मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा को कर्नाटक की मशहूर बिदरी कला का फूलदान भेंट किया। यह जोड़ी फूलदान कर्नाटक के बीदर जिले में तैयार की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति की पत्नी लॉर्डिना महामा को ओडिशा के कटक की प्रसिद्ध तारकासी कारीगरी वाला सिल्वर पर्स भेंट किया। यह पर्स बेहद नाजुक और महीन चांदी के तारों से हाथ से बुना गया है। मोदी ने घाना के संसद अध्यक्ष अल्बन बैगबिन को पश्चिम बंगाल में तैयार किया गया हाथी अंबावरी भेंट किया। यह भारत की राजशाही परंपराओं और कलात्मक विरासत का प्रतीक है।

