अहमदाबाद । गुजरात अंतरिक्ष मिशन नीति से बड़े आर्थिक और तकनीकी लाभ मिलेंगे। भूमध्य रेखा से गुजरात की निकटता अंतरिक्ष प्रक्षेपणों में क्रांतिकारी वृद्धि प्रदान करेगी। इसरो के कार्यक्रम का 70 प्रतिशत हिस्सा अब संचार, नेविगेशन और रिमोट सेंसिंग पर केंद्रित है। चंद्रयान-5, मुख्य-पर-मुख्य गगनयान और शुक्र की कक्षा मिशन 2029 तक पूरे हो जाएंगे। इसरो श्रीहरिकोटा के बाद गुजरात में देश का दूसरा सबसे बड़ा अंतरिक्ष स्टेशन बनाने जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस मुद्दे पर सीएनबीसी-आवाज़ ने इसरो डायरेक्टर से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि गुजरात में 10,000 करोड़ रुपये के निवेश से देश का दूसरा सबसे बड़ा स्पेस सेंटर बनाया जाएगा। गुजरात स्पेस स्टेशन सेंटर सहयोगात्मक पहल के तहत PPP मॉडल पर विकसित किया जाएगा। यह हाई-टेक स्पेस स्टेशन दीव और वेरावल के बीच बनाया जाएगा। यहीं से SALV-PSLV को लॉन्च किया जाएगा।

