- तीन और यूनिवर्सिटी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा मिला
अहमदाबाद । सरकार ने 2022 में विधानसभा में घोषणा कर राज्य की सात निजी विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया था। इसके साथ ही इन 7 विश्वविद्यालयों को सरकार के फी रेगुलेशन कानून से छूट मिल गई थी और ये विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों की फीस स्वयं निर्धारित करते थे। इसी दौरान, पिछले दिसंबर में 3 साल की इस स्थिति की अवधि पूरी होने के बाद, सरकार ने संस्थानों से नई स्थिति के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें 11 संस्थानों ने आवेदन किया था और एक आवेदन वापस होने के बाद, पिछली सात और अतिरिक्त तीन सहित कुल 10 विश्वविद्यालयों को पांच साल के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है। इन विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों में 2025-26 की फीस निर्धारित कर दी गई है और सरकार ने इसे मंजूरी भी दे दी है। निरमा, चारुसेट, मारवाड़ी, DAIICT, CEPT, PDEU और अहमदाबाद यूनिवर्सिटी सहित सात विश्वविद्यालयों को सरकार ने 2022 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया था। इससे ये विश्वविद्यालय फीस रेगुलेशन से बाहर हो गए थे और इन विश्वविद्यालयों की फीस सरकार की फीस रेगुलेशन कमेटी तय नहीं करती थी। इसी कारण अहमदाबाद यूनिवर्सिटी की स्टेटस से पहले की, यानी अंतिम FRC के अनुसार, बी.ई. में फीस 1.73 लाख रुपये थी, जो अब 2025-26 में बढ़कर 3.75 लाख रुपये हो गई है। जबकि DAIICT की फीस, जो तीन-चार साल पहले 1.72 लाख रुपये थी, अब बढ़कर 3.57 लाख रुपये हो गई है। निर्मा यूनिवर्सिटी की फीस 1.81 लाख से बढ़कर 2.55 लाख रुपये हो गई है। सरकार ने इस साल तीन और विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है, जिनमें गणपत यूनिवर्सिटी, पारुल यूनिवर्सिटी और अनंत यूनिवर्सिटी शामिल हैं। बड़ी निजी यूनिवर्सिटीज के कुछ पाठ्यक्रमों की वार्षिक फीस में काफी वृद्धि हुई है। CEPT यूनिवर्सिटी में आर्किटेक्चर की फीस 2023-24 में 3.47 लाख रुपये थी, जो अब इस साल बढ़कर 4.55 लाख रुपये हो गई है। इस तरह दो साल में 1 लाख से भी अधिक फीस बढ़ गई है। जबकि अन्य यूनिवर्सिटीज की बी.ई. की फीस में पिछली फीस की तुलना में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन 2025-26 के लिए निर्धारित फीस के अनुसार एमबीए में निर्मा यूनिवर्सिटी में सबसे अधिक 6.40 लाख रुपये फीस हो गई है। जबकि PDEU में एमबीए की फीस पांच लाख रुपये हो गई है। मारवाड़ी यूनिवर्सिटी में इस साल बी.ई. की फीस 1.40 लाख रुपये हो गई है। जबकि पारुल यूनिवर्सिटी में पहले 3 साल पहले बी.ई. में 94,800 रुपये फीस थी और अब 1.51 लाख रुपये हो गई है। गणपत यूनिवर्सिटी में 1.19 लाख फीस थी जो अब 1.60 लाख रुपये हो गई है। अनंत यूनिवर्सिटी में तीन साल पहले 2.55 लाख फीस थी जो अभी भी 2.55 लाख रुपये ही रही है। इस प्रकार, अब बड़ी निजी विश्वविद्यालयों में एमबीए, आर्किटेक्चर के साथ-साथ डिग्री इंजीनियरिंग सहित पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करना बहुत महंगा हो गया है। निर्मा यूनिवर्सिटी में एम.फार्म की फीस 4.30 लाख रुपये है। जबकि अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में एमबीए की फीस 5.70 लाख रुपये हो गई है।

