रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भावनगर टर्मिनस – अयोध्या कैंट एक्सप्रेस; रीवा – पुणे (हडपसर) एक्सप्रेस और जबलपुर – रायपुर एक्सप्रेस को दिखाई हरीझंडी
अश्विनी वैष्णव ने शामपरा स्थित मेसर्स ए.पी.पी.एल. कंटेनर्स लिमिटेड का दौरा किया
भावनगर
विभिन्न राज्यों के बीच रेल संपर्क को सुदृढ़ करने तथा लंबे समय से चली आ रही यात्रियों की मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में, भारतीय रेल द्वारा तीन नई ट्रेन सेवाओं – ट्रेन संख्या 19201/19202 भावनगर टर्मिनस – अयोध्या कैंट (साप्ताहिक) एक्सप्रेस, ट्रेन संख्या 20151/20152 पुणे (हडपसर) – रीवा (साप्ताहिक) सुपरफास्ट एक्सप्रेस एवं ट्रेन संख्या 11701/11702 रायपुर – जबलपुर (दैनिक) एक्सप्रेस का शुभारंभ किया गया। इन ट्रेनों की उद्घाटन सेवाओं को दिनांक 03 अगस्त, 2025 (रविवार) को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव; छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय; रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव; श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमुबेन बांभणिया द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जहाँ भावनगर टर्मिनस – अयोध्या कैंट एक्सप्रेस को भावनगर टर्मिनस स्टेशन से हरी झंडी दिखाई गई, वहीं रीवा – पुणे (हडपसर) एक्सप्रेस और जबलपुर – रायपुर एक्सप्रेस की उद्घाटन सेवाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं रेलवे अधिकारी भी उपस्थित थे।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। 34,000 किमी से अधिक नई रेलवे लाइनों का निर्माण किया गया है, और प्रतिदिन लगभग 12 किमी नई लाइन बिछाई जा रही है, जो भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार संभव हुआ है। 1300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास कर उन्हें विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। साथ ही, वंदे भारत एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, नमो भारत रैपिड रेल जैसी आधुनिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं और शीघ्र ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी शुरू की जाएगी।
इसके अलावा, रेल मंत्री ने यह भी घोषणा की कि बहुत शीघ्र वाँसजालिया एवं जेतलसर होते हुए पोरबंदर से राजकोट के बीच एक नई ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी, जिससे क्षेत्र में रेल संपर्क और बेहतर होगा। राणावाव स्टेशन पर ₹135 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक कोच मेंटेनेंस सुविधा विकसित की जाएगी। सराडीया से वाँसजालिया के बीच नई रेलवे लाइन को भी स्वीकृति दी गई है, जो एक पुरानी मांग रही है। पोरबंदर शहर में भद्रकाली गेट के पास लेवल क्रॉसिंग सं. 3 के स्थान पर यातायात सुगमता हेतु एक नया फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, माल ढुलाई को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भावनगर शहर में दो गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्थापित किए जाएंगे। भावनगर में नया पोर्ट बनने वाला है, उस पोर्ट में आधुनिक कंटेनर टर्मिनल बनाने का कार्य भी किया जाएगा, जो भावनगर बंदरगाह को देश के प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों से भी जोड़ेगा, जिससे अखिल भारतीय कंटेनर कार्गो संचालन को गति मिलेगी।
मंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अनेक रेल परियोजनाएं तीव्र गति से प्रगति पर हैं। मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना भी तीव्र गति से आगे बढ़ रही है और इसके जल्द चालू होने से इन दोनों शहरों के बीच यात्रा समय केवल 2 घंटे 7 मिनट रह जाएगा।
इसके पश्चात, मंत्री ने शामपरा स्थित मेसर्स ए.पी.पी.एल. कंटेनर्स लिमिटेड का दौरा किया। यह प्रतिष्ठान कंटेनर इकाइयों का एक प्रमुख निर्माता है और “मेक इन इंडिया” पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो भारत की निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है और देश की आर्थिक प्रगति में योगदान दे रहा है।
बाद में, मंत्री इस्कॉन क्लब, भावनगर में आयोजित “विकसित भारत संवाद” में शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की तीव्र आर्थिक प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत पहल की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि कोविड के बाद जब अनेक देशों की अर्थव्यवस्थाएं संकट में थीं, भारत ने निवेश आधारित रणनीति अपनाकर 6–7% की वृद्धि दर को बनाए रखा। उन्होंने बताया कि भारत आज वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन रहा है, पिछले 11 वर्षों में $150 बिलियन मूल्य का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन हुआ है और भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक देश बन गया है। उन्होंने साणंद और धोलेरा में विकसित हो रहे सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का उल्लेख करते हुए कहा कि भावनगर–धोलेरा कनेक्टिविटी की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। मंत्री ने स्वदेशी संकल्प, एमएसएमई को समर्थन, “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के प्रति प्रतिबद्धता तथा जनसेवा की भावना से किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया।

