कंपनी मालिक ने ही बीमा पाने के लिए रची थी साजिश
सूरत
सूरत के वराछा इलाके में 32 करोड़ रुपये के हीरे की चोरी का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस कमिश्नर अनुपमसिंह गहलोत ने खुलासा किया है कि 32 करोड़ रुपये के हीरे की असल में चोरी हुई ही नहीं थी, बल्कि शिकायतकर्ता ने ही यह झूठी साजिश रची थी। हीरे की कंपनी के मालिक पर 30 करोड़ रुपये का कर्ज होने के कारण उसने बीमा की रकम पाने के लिए यह षड्यंत्र रचा। सूरत के वराछा स्थित हीरा कंपनी डीके संस में 18 अगस्त को 32 करोड़ रुपये के हीरे चोरी होने की पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी। सूरत पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच की तो पता चला कि शिकायत करने वाले कंपनी के मालिक डीके मारवाड़ी ने ही चोरी की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी और बीमा की रकम हड़पने की साजिश रची थी। सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपमसिंह गहलोत ने बताया कि सूरत में हीरे की लूट के मामले में शिकायतकर्ता ही आरोपी निकला है। जांच में सामने आया कि कंपनी के मालिक पर 30 करोड़ रुपये का कर्ज था और उसे चुकाने और बीमा की रकम पाने के लिए उसने यह चाल चली। उन्होंने कहा कि कंपनी में किसी भी तरह के हीरे की चोरी नहीं हुई है। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मुख्य आरोपी देवेंद्र और उसके बेटे पीयूष को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उनकी मदद करने वाले ड्राइवर विकास और रामजीवन को भी पकड़ा गया है।

