नई दिल्ली: एशिया कप के लिए भारतीय टीम के स्क्वाड के चयन पर 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के हीरो और पूर्व चयनकर्ता मदन लाल ने हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि टीम में कुछ खिलाड़ियों को शामिल न किए जाने से उन्हें आश्चर्य हुआ है। इस दौरान उन्होंने यशस्वी जायसवाल और हार्दिक पांड्या को लेकर भी चयन समिति के फैसले पर सवाल उठाए। हालांकि, उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भारतीय टीम इतनी मजबूत है कि वह एशिया कप जीत सकती है। पूर्व चयनकर्ता मदन लाल ने कहा, “कभी-कभी आप यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ियों के शामिल नहीं किए जाने पर हैरान महसूस करते हैं… मुझे नहीं पता हार्दिक पांड्या को क्यों हटाया गया।” मदन लाल ने भले ही कहा कि हार्दिक पांड्या को क्यों हटाया गया, लेकिन वह एशिया कप के स्क्वाड का हिस्सा हैं। पूर्व चयनकर्ता का इशारा शायद हार्दिक को उप-कप्तान नहीं बनाए जाने की तरफ था। उन्होंने आगे कहा, “लेकिन शुभमन गिल एक अच्छी पसंद हैं क्योंकि वह बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। आने वाले समय में यह संभव है कि गिल तीनों ही फॉर्मेट में खेलेंगे… वे खिलाड़ी जो मैच जिताते हैं, उन्हें बाहर नहीं किया जाना चाहिए।” मदन लाल ने भले ही हार्दिक पांड्या को हटाए जाने की बात कही हो, लेकिन वह एशिया कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम का हिस्सा हैं। हालांकि, उन्हें उप-कप्तानी से हटा दिया गया है। हार्दिक ने 2024 के वर्ल्ड कप में उप-कप्तानी की थी, लेकिन एशिया कप के लिए यह जिम्मेदारी शुभमन गिल को दी गई है। यह फैसला टीम मैनेजमेंट द्वारा भविष्य की नेतृत्व पंक्ति को तैयार करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति ने एशिया कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय दल का ऐलान किया। इस स्क्वाड में जायसवाल को जगह नहीं मिली, लेकिन उन्हें रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर रखा गया है। इसी तरह, चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के हीरो और टूर्नामेंट में टीम के टॉप स्कोरर रहे श्रेयस अय्यर को भी पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। अय्यर ने आईपीएल 2025 और पिछले साल घरेलू सीजन में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया था। जायसवाल को तो स्क्वाड में जगह नहीं मिली, लेकिन रिजर्व खिलाड़ियों की लिस्ट में उन्हें रखा गया है, जबकि अय्यर को रिजर्व खिलाड़ी के लायक भी नहीं समझा गया। इसे लेकर क्रिकेट जगत में भी सवाल उठ रहे हैं। मदन लाल के अनुसार, भारतीय टीम के पास एक अच्छी टीम है और वह एशिया कप जीतने की क्षमता रखती है, लेकिन चयन समिति के कुछ फैसलों ने क्रिकेट पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

