समुद्री सुरक्षा और मछुआरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
अमरेली
गुजरात के तट पर मछुआरों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। हाल ही में, अमरेली जिले के जाफराबाद के पास शियालबेट की दो नावें समुद्र में लापता हो गई हैं। इन दोनों नावों में कुल 16 मछुआरे सवार थे। इस घटना के बाद, स्थानीय नाव एसोसिएशन ने तुरंत तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) को सूचित किया और बचाव अभियान शुरू किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, लापता नावों के नाम ‘लक्ष्मी प्रसाद’ और ‘धनवंतरी’ हैं। प्रत्येक नाव में आठ-आठ मछुआरे सवार थे। नावों से संपर्क टूटने के बाद मछुआरों के परिवारों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
यह घटना एक दिन पहले हुई एक और दुर्घटना के बाद सामने आई है। कुछ दिन पहले जाफराबाद की दो और राजपरा गांव की एक नाव समुद्र में डूब गई थी। उस घटना में सवार 11 मछुआरे अभी भी लापता हैं। जाफराबाद की दो नावों और गिर सोमनाथ के राजपरा की एक नाव में 28 मछुआरे थे। उनमें से 17 मछुआरों को बचा लिया गया है, जबकि 11 मछुआरों का आज भी कोई पता नहीं चल पाया है। इन लगातार हो रही घटनाओं ने समुद्री सुरक्षा और मछुआरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जाफराबाद की नावों के डूबने की खबर मिलते ही अमरेली जिला कलेक्टर, विधायक और अधिकारियों ने मछुआरों के नेताओं के साथ तुरंत बैठक की। लापता मछुआरों की तलाश के लिए तटरक्षक बल द्वारा दो विमानों और अन्य जहाजों की मदद ली गई। हालांकि, समुद्र में तेज लहरों और बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है। मौसम साफ होने पर पोरबंदर और दमन से और चार विमान भी बचाव कार्य में शामिल होंगे।

