अहमदाबाद
देश में लागू होने वाली नई शिक्षा नीति को लेकर जारी व्यापक चर्चा के बीच केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंर्फोमेशन सिस्टम फोर एज्यूकेशन (यूडाइस ) की शैक्षणिक सत्र 2024-25 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में पिछले दो वर्षों में जहां एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में वृद्धि हुई है वहीं शिक्षकों की संख्या उस अनुपात में घट गई है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य के एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या दो वर्ष में 1182 से बढ़कर 2936 हो गई है। 2022-23 में एक शिक्षा वाले स्कूलों की संख्या 1754 थी जो 2024-25 में बढ़कर 2934 हो गई है। इन स्कूलों में दो वर्ष के दौरान विद्यार्थियों की संख्या में 30 हजार से बढ़कर 1 लाख से ज्यादा हो गई है। वहीं पिछले एक वर्ष में राज्य में स्कूलों की संख्या घटकर 53,355 रह गई है। इस दौरान 5 हजार शिक्षक भी कम होकर 3,89 लाख रह गए। जबकि 2023-24 में यह संख्या 3.94 लाख थी। वहीं 2024-25 में विद्यार्थियों की संख्या प्री. प्राइमरी से कक्षा 12 तक 1.15 करोड़ थी। कुल मिलाकर राज्य में स्कूलों, विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या के अनुपात को लेकर जो रिक्तिता है वह शिक्षा के क्षेत्र के लिए चिंतनीय है।
राज्य में विद्यार्थियों की घटती संख्या 2024-25
कक्षा विद्यार्थी
1-5 45.67 लाख
6-8 31.93 लाख
9-10 17.17 लाख
11-12 10.82 लाख
63 स्कूलों में प्रवेश शून्य
2024-25 में राज्य के 63 स्कूलों में विद्यार्थियों की प्रवेश संख्या शून्य रही जबकि इन स्कूलों में 78 प्रतिशत शिक्षक पदस्थ
विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात : 31 हजार विद्यार्थियों पर पहले की अपेक्षा अब 21 हजार पर एक शिक्षक
10 वर्ष पूर्व मिडल स्तर के एक शिक्षक के पास 26 विद्यार्थी थे जो घटकर 17 रह गए, वहीं सेकेंडरी स्तर 31 से घटकर 21 रह गए।
इस दौरान ड्रॉप आउट भी घटा है। वर्ष 2023-24 में सेकेण्डरी में जहां यह 10.9 प्रतिशत था वहीं 2024-25 में 8.2 प्रतिशत रह गया। वहीं मिडल में 5.2 प्रतिशत की जगह 3.5, तथा प्राथमिक में 3.7 प्रतिशत से घटकर 2.3 प्रतिशत रह गया।
नई शिक्षा नीति के तहत प्री-स्कूल पंजीकरण प्रक्रिया शुरू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत गुजरात में निजी प्री-स्कूलों के नियमन के लिए 2023 में नीति बनाई गई थी। कठिन नियमों के कारण पंजीकरण प्रभावित हुआ और संचालकों में नाराजगी फैली। संगठनों की पेशकश के बाद नए नियम बनाए गए। अब आज से मौजूदा प्री-स्कूलों के लिए पंजीकरण शुरू होगा, जिसे नवंबर 2025 तक पूरा करना होगा। वेबसाइट पर आवेदन कर 10,000 रुपये की फीस के साथ प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। नई प्री-स्कूलों के लिए पंजीकरण 1 सितंबर 2025 से शुरू होगा। पुरानी नीति में पंजीकृत स्कूलों को दोबारा आवेदन की जरूरत नहीं, लेकिन नई नीति के अनुसार संचालन अनिवार्य होगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है। सभी निजी प्री-स्कूलों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।
उच्च शिक्षण संस्थानों में ‘नैक’ की नई पद्धति अगले सत्र से लागू होगी
यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों के लिए ‘नैक’ (NAAC) से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है. गुजरात यूनिवर्सिटी ने हाल ही में ‘नैक’ की मान्यता हासिल की है. वर्तमान में, ‘नैक’ के लिए आवेदन करने वाले विश्वविद्यालयों को ग्रेड (जैसे A, A+, B, B+) और अंक दिए जाते हैं. हालांकि, अब इस पद्धति को बदलकर यह तय किया गया है कि भविष्य में सिर्फ यह बताया जाएगा कि किसी विश्वविद्यालय के पास ‘नैक’ की मान्यता है या नहीं. इस नई पद्धति को लागू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन यह अभी तक शुरू नहीं हुई है, इसलिए अब इसे अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने का फैसला लिया गया है. इस नई पद्धति को साल 2025 से ही लागू किया जाना था, लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. दूसरी ओर, जिन शिक्षण संस्थानों को ‘नैक’ की मान्यता मिल चुकी है, उन्हें हर साल UGC में अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य है. अगर कोई संस्थान यह रिपोर्ट जमा करने में विफल रहता है, तो ‘नैक’ चक्र (cycle) पूरा होने के बाद उसे दोबारा मान्यता के लिए आवेदन करना पड़ता है.

