राजभवन में वैदिक प्रचार प्रसार चिंतन गोष्ठी का आयोजन
गांधीनगर । राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि 19वीं सदी के महान पुरुष, समाज सुधारक और वेदों के महान प्रचारक महर्षि दयानंद सरस्वती ने अंधविश्वासों का खंडन किया और भारत को सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जागरूकता की दिशा प्रदान की। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की और “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्” का उद्घोष कर भारतीय समाज को नई ऊर्जा प्रदान की। गुजरात प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा राजभवन में वैदिक प्रचार प्रसार चिंतन गोष्ठी का आयोजन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई। राज्यपाल ने कहा कि महर्षि दयानंद का जीवन संघर्ष, बलिदान और साहस से भरा था। उन्होंने मूर्तिपूजा, जातिवाद और कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाकर समाज को जागृत करने का कार्य किया। उनके शब्दों और विचारों ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई चेतना प्रदान की। महात्मा गांधी, लाला लजपत राय, स्वामी श्रद्धानंद जैसे कई महापुरुषों ने उनसे प्रेरणा ली।

