मुंबई
मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। अदालत की पीठ ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व वाला विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है और इसमें सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई में चल रहे आंदोलन पर तत्काल सुनवाई करते हुए कहा कि हमने कुछ शर्तों के साथ विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, जिनका प्रदर्शनकारियों ने उल्लंघन किया है। प्रदर्शनकारियों ने शहर को ठप कर दिया है और उन्होंने अदालत को दिए गए अपने हलफनामे का पालन नहीं किया है। बॉम्बे हाई कोर्ट मराठा आंदोलन पर सख्त टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने मनोज जरांगे के समर्थकों से कहा कि हालात सुधारे और रास्ता खाली करें। आंदोलन के कारण जाम की स्थिति पर हाईकोर्ट ने कहा कि कल तक मुंबई की सभी सड़कें खाली हों। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि सरकार तय करें कि सड़कें खाली हों। वहीं अदालत ने प्रदर्शनकारियों को साफ निर्देश दिया है कि सिर्फ पांच हजार प्रदर्शनकारी मैदान में हों और बाकी सभी दोपहर 12 बजे तक जाएं। अनशन पर बैठे मनोज जरांगे वे 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि मराठाओं को कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाए, क्योंकि कुनबी ओबीसी श्रेणी में आते हैं, जिससे मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा।

