जहां घुसते हैं, आग लगाते हैं; धर्म की आड़ में राजनीति समाज के लिए नुकसानदायक
नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे धर्म-काज से मंत्री-नेताओं को दूर रखें। धर्म की आड़ में राजनीति समाज के लिए नुकसानदायक है।गडकरी नागपुर में महानुभाव पंथ के सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ जहां घुसते हैं, आग लगाए बिना नहीं रहते। सत्ता के हाथ में धर्म को देंगे तो हानि ही होगी।गडकरी ने कहा कि धर्म कार्य, समाज कार्य और राजनीति कार्य अलग-अलग हैं। धर्म व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है। कुछ राजनीतिज्ञ इसका इस्तेमाल करते हैं। इससे विकास और रोजगार का विषय दोयम दर्जे का हो जाता है। गडकरी ने कहा कि महानुभाव पंथ के संस्थापक चक्रधर स्वामी की शिक्षाएं सभी के जीवन के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने बताया कि व्यक्ति में बदलाव उसके संस्कारों से आता है। चक्रधर स्वामी ने सत्य, अहिंसा, शांति, मानवता और समानता के मूल्य सिखाए।उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य का पालन करना चाहिए और किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए। गडकरी ने समाज में ईमानदारी, विश्वसनीयता और समर्पण जैसे मूल्यों को बेहद जरूरी बताया। गडकरी ने कहा कि बोलना आसान है, करना कठिन है। मैं अधिकारी नहीं हूं, लेकिन मुझे अनुभव है कि जिस क्षेत्र में मैं काम करता हूं, वहां मन से सच बोलने की मनाही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीति में हौसे, नवसे, गवसे यानी शौक से, नए उत्साह से और आनंदपूर्वक काम करने वाले लोग हैं। हालांकि, जो लोगों को सबसे अच्छा मूर्ख बना सकता है, वही सबसे अच्छा नेता हो सकता है। गडकरी ने कहा कि कोई चीज पाने के लिए शॉर्टकट होता है।
जैसे लाल सिग्नल तोड़ना या छलांग लगाना।
लेकिन एक दार्शनिक ने कहा है कि शॉर्टकट कट यू शॉर्ट यानी शॉर्टकट लेने से मंजिल जल्दी नहीं, बल्कि अधूरी रह जाती है।

