सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर आगे बढ़ रहा भारत, SCO घोषणापत्र में पहलगाम हमले की निंदा, आतंकियों को सजा दिलाना जरूरी, पुतिन ने यूक्रेन पर शांति प्रयासों के लिए भारत को सराहा
तियानजिन। चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) के सदस्यों के सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने देशों की संप्रभुता की अहमियत पर बात की। उन्होंने कहा, ‘पिछले 24 वर्षों में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने एशिया क्षेत्र में सहयोग और आपसी जुड़ाव को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने एक सक्रिय सदस्य के रूप में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है। SCO को लेकर भारत की सोच और नीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है: S — Security, C — Connectivity, O — Opportunity.’ प्रधानमंत्री ने संपर्क (कनेक्टिविटी) के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि संपर्क के हर प्रयास में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संप्रभुता को दरकिनार करने वाली संपर्क व्यवस्था विश्वास और अर्थ खो देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ सदस्य वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए आपसी सहयोग बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सर्वसम्मति से संयुक्त राष्ट्र में सुधार का आह्वान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत का हमेशा से मानना रहा है कि मजबूत संपर्क न केवल व्यापार को बढ़ावा देता है, बल्कि विकास और विश्वास के द्वार भी खोलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर जैसी पहलों पर काम कर रहे हैं। इससे हमें अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संपर्क बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’उन्होंने कहा, ‘आज भारत सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। मैं आप सभी को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।’ उन्होंने कहा कि चाहे कोविड हो या वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, हमने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है। एससीओ के सदस्यों के सत्र को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के साथ जारी रूस के संघर्ष के दौरान शांति प्रयासों के लिए भारत और चीन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए चीन और भारत के प्रयासों की सराहना करता हूं।’ इस दौरान पुतिन ने व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो के इस दावे का भी खंडन किया कि यूक्रेन ‘मोदी का युद्ध’ है। पुतिन ने कहा, ‘मैं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी अलास्का बैठक के विवरण द्विपक्षीय बैठकों के दौरान नेताओं को बताऊंगा।’ उन्होंने मॉस्को के इस रुख को दोहराया कि यूक्रेन में संकट किसी आक्रमण के कारण नहीं, बल्कि यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों की ओर से समर्थित कीव में तख्तापलट के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन में हुई सहमति यूक्रेन में शांति का मार्ग प्रशस्त करती है।चीन में SCO समिट के दूसरे दिन भारत को बड़ी सफलता मिली है। घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई है।इस दौरान पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी मौजूद थे। घोषणा पत्र में कहा गया कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और उन्हें समर्थन देने वालों को सजा दिलाना जरूरी है।इस साल 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।गौरतलब है कि इससे पहले जून में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान SCO के घोषणापत्र में पहलगाम हमले का जिक्र भी नहीं था। इसे लेकर भारत ने नाराजगी जताई थी। साथ ही इस पर साइन करने से इनकार कर दिया था।
मोदी ने आतंकवाद से लड़ने में जिनपिंग का साथ मांगा
सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों के बीच 50 मिनट बातचीत हुई।बातचीत के बाद मोदी ने जिनपिंग को भारत में आयोजित ब्रिक्स 2026 में आने के लिए न्योता दिया।इससे पहले उन्होंने जिनपिंग के सामने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी ने इसे वैश्विक मुद्दा बताया और साथ देने की मांग की।वहीं, मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि PM मोदी से मिलकर खुशी हुई। ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए।समिट के बाद मोदी आधिकारिक स्वागत समारोह में पहुंचे। यहां SCO समिट में आए सभी नेताओं ने ग्रुप फोटो खिंचाई, जिसमें पीएम मोदी के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे।
यूक्रेन में शांति का रास्ता खोजना मानवता की पुकार, अहम बैठक में पुतिन से बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन में शांति का रास्ता खोजना पूरी मानवता की पुकार है। उन्होंने आगे कहा, हम यूक्रेन में जारी संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं। हम शांति के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजा जाना चाहिए। पीएम मोदी ने आगे कहा, आपसे मिलना एक यादगार अनुभव होता है, ऐसा मैं हमेशा महसूस करता हूं। हमें कई विषयों पर जानकारी साझा करने का मौका मिलता है। हम लगातार संपर्क में रहते हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च स्तरीय बैठकें होती रहती हैं। 140 करोड़ भारतीय आपके लिए इस साल दिसंबर में होने वाले हमारे 23वें शिखर सम्मेलन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह हमारे विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, भारत और रूस हमेशा सबसे कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। हमारा घनिष्ठ सहयोग केवल दोनों देशों के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पुतिन से बात करते रहे मोदी:बगल में खड़े पाकिस्तानी PM शहबाज टकटकी लगाए देखते रहे
चीन में तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन के दूसरे दिन सोमवार को दुनिया के बड़े नेता अपनी बात रखने पहुंचे।इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक साथ नजर आए। तीनों नेताओं ने काफी देर तक बातें कीं।एक पल ऐसा भी आया, जब मोदी और पुतिन बात करते हुए गुजर रहे थे और पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ उन्हें टकटकी लगाए देख रहे थे।SCO मीटिंग खत्म होने के बाद पुतिन और मोदी एक ही कार से द्विपक्षीय बातचीत के लिए रवाना हुए।

