लोग दूसरों की जिंदगी पर दखल दे रहे; न्यूज चैनल के एडिटर को फटकार लगाई
बेंगलुरु। कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि आजकल यूट्यूब पर झूठी और आपत्तिजनक बातें इतनी आसानी से फैल रही हैं कि सिर्फ मानहानि का कानून इन्हें रोकने के लिए काफी नहीं है। अदालत ने कहा, लोग बेझिझक बदनाम कर रहे हैं और निजी जिंदगी में दखल दे रहे हैं, इस पर काबू पाने के लिए एक ठोस नीति बनाने की जरूरत है। कोर्ट कन्नड़ प्रभा के एडिटर-इन-चीफ रवि हेगडे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने मंत्री केजे जॉर्ज की ओर से दर्ज कराई गई आपराधिक मानहानि शिकायत को रद्द करने की मांग की थी। जॉर्ज ने 2020 में रवि पर उनके खिलाफ झूठे तथ्य पब्लिश करने और यूट्यूब में दिखाने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। अदालत ने रवि हेगडे को सुझाव दिया कि अखबार एक महत्वपूर्ण जगह पर डिस्क्लेमर (स्पष्टीकरण) प्रकाशित करे, जिसमें लिखा हो कि यह रिपोर्ट केवल किसी अन्य व्यक्ति के बयान पर आधारित थी और अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो खेद है। ऐसा करने पर केस खत्म किया जा सकता है।याचिकाकर्ता हेगडे ने अदालत को बताया कि पहले हुई मध्यस्थता में अखबार से फ्रंट पेज पर माफी और इंटरव्यू छापने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे मंत्री ने ठुकरा दिया।
इस पर कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष आपस में समझौता करने की कोशिश करें, नहीं तो केस को फिर से मध्यस्थता के लिए भेजा जाएगा।

