नई दिल्ली
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी होना शुरू कर सकता है। आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल से प्रवेश करता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। वापसी की प्रक्रिया 17 सितंबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक पूरी होती है। आईएमडी ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से 15 सितंबर के आसपास मानसून की वापसी के हालात बन रहे हैं। इस साल मानसून ने सामान्य तिथि से नौ दिन पहले पूरे देश को कवर कर लिया था। यह 2020 के बाद सबसे जल्दी था। 2020 में मानसून ने 26 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया था। इस बार यह 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था। अब तक देशभर में 836.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 778.6 मिमी है। यानी सामान्य से 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। मौसम विभाग ने मई में अनुमान जताया था कि जून से सितंबर के बीच भारत को दीर्घकालिक औसत वर्षा का 106 प्रतिशत मिल सकता है। मानसून भारत की कृषि के लिए बेहद अहम है, जो करीब 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का साधन है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत योगदान देता है। यह पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जरूरी जलाशयों को भरने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

