नई दिल्ली (वी.एन.झा)। चुनाव आयोग (EC) ने बुधवार को बताया कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) बिहार की तर्ज पर देशभर में होगा। लेकिन ज्यादातर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को किसी प्रकार का दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके नाम पिछली SIR की वोटर लिस्ट में शामिल हैं।ज्यादातर जगह यह प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच हो गई थी। जिन लोगों के नाम उस समय की वोटर लिस्ट में थे, उन्हें अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान साबित करने के लिए कोई नया कागज नहीं देना होगा। जो नए वोटर बनना चाहते हैं, उन्हें डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा। इसमें उन्हें यह बताना होगा कि वे भारत में कब जन्मे हैं। 1987 के बाद जन्मे लोगों को पैरेंट्स के दस्तावेज दिखाने होंगेनई व्यवस्था में ऐसे लोग जो नए वोटर बनना चाहते हैं या दूसरे राज्य से शिफ्ट होकर आए हैं, उन्हें डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा। इसमें उन्हें यह बताना होगा कि वे भारत में कब जन्मे हैं:1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे हैं, तो खुद का जन्म प्रमाण देना होगा।,1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे हैं, तो माता-पिता के जन्म या नागरिकता के दस्तावेज भी दिखाने होंगे।,2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों के लिए शर्त और कड़ी है– उन्हें यह साबित करना होगा कि माता-पिता में कम-से-कम एक भारतीय नागरिक हैं और दूसरा गैर-कानूनी प्रवासी नहीं है। यानी उन्हें भी अपने पेरेंट के दस्तावेज दिखाने होंगे। राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। तारीख घोषित होते ही पूरा अमला काम में जुट जाएगा। असम, मणिपुर मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर में गहन समीक्षा 2005 में हुई थी। बाकी राज्यों में 2002-03 में हुई थी। महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में 2006-07 में और दिल्ली में 2008 में गहन समीक्षा हुई थी।
अब EVM में दिखेगी प्रत्याशी की रंगीन फोटो
चुनाव आयोग ने ईवीएम मतपत्र को स्पष्ट और पठनीय बनाने के लिए उसकी डिजाइन और मुद्रण शैली में बदलाव किया है। आयोग ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49बी के तहत निर्देशों में संशोधन किया है। इसके तहत अब ईवीएम में अब उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनकी रंगीन तस्वीर भी दिखेगी। यह नई व्यवस्था बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से लागू होगी। निर्वाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए चुनाव आयोग लगातार नई पहल कर रहा है। पिछले छह महीने में चुनाव आयोग 28 नए कदम उठा चुका है। इसमें एसआईआर के मुद्दे को लेकर विवाद भी हुआ है। अब आयोग ने ईवीएम मतपत्र को लेकर बड़ा फैसला लिया है। ईवीएम मतपत्र पर अब उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें छपी होंगी। उम्मीदवार का फोटो साफ तौर पर दिख सके इसलिए तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से पर उसका चेहरा दिखेगा। उम्मीदवारों और नोटा के क्रमांक भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप में छापे जाएंगे। वहीं फॉन्ट का आकार 30 होगा और बोल्ड लिखा जाएगा। इसके अलावा सभी उम्मीदवारों और नोटा के नाम एक ही फॉन्ट प्रकार और फॉन्ट साइज में होंगे। ताकि यह आसानी से पढ़ने में आए। इसके अलावा ईवीएम मतपत्र 70 जीएसएम कागज पर मुद्रित किए जाएंगे।

