अमरेली
गुजरात के इतिहास में पहली बार अमरेली की सत्र अदालत ने गौवंश हत्या के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने तीन आरोपियों—अक्रम सोलंकी, कासिम सोलंकी और सत्तार सोलंकी—को आजीवन कारावास की सजा और कुल 18 लाख रुपये के जुर्माने की सजा दी। यह फैसला गौवंश की हत्या करने वालों के लिए कड़ी चेतावनी है।घटना 6 नवंबर 2023 को अमरेली के बाहरपारा क्षेत्र में मोटा खाटकीवाड़, कोळीवाड़ के पास हुई। पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अक्रम सोलंकी अपने घर में गायों की हत्या करता है। पुलिस ने छापेमारी कर कासिम सोलंकी को गिरफ्तार किया, जबकि अक्रम और सत्तार फरार हो गए। बाद में दोनों को भी पकड़ लिया गया। जांच में पशुओं के वध के अवशेष बरामद हुए, जिसके आधार पर कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।सत्र न्यायालय में सरकारी वकील चंद्रेश मेहता ने ठोस सबूत और दलीलें पेश कीं। न्यायाधीश रिजवानाबेन बुखारी ने पशु संरक्षण अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रत्येक आरोपी को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना, तथा धारा 6(ख) के तहत 7 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना सुनाया। जुर्माना न चुकाने पर अतिरिक्त 5 महीने की सजा होगी। यह गुजरात में गौवंश वध के मामले में पहला आजीवन कारावास का फैसला है।
गौहत्या जैसे अपराध के लिए राज्य सरकार कोई दया नहीं दिखाएगी: जीतुभाई वाघाणी
गुजरात के अमरेली जिले में गौहत्या के एक जघन्य अपराध में न्यायालय द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले को राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री जीतुवाघाणी ने गौवंश की हत्या करने वाले कसाइयों के लिए ‘लाल बत्ती के समान’ बताते हुए कहा कि गौमाता भारतीय संस्कृति और आस्था का केंद्र है। गौहत्या जैसे अपराध के लिए राज्य सरकार कोई दया नहीं दिखाएगी।मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में पहली बार गौवंश की हत्या के खिलाफ यह कठोर कानून लागू किया गया था।मंत्री वाघाणी ने जोर देकर कहा कि यह फैसला स्पष्ट करता है कि गौमाता के साथ अन्याय करने वालों को राज्य सरकार कठोर हाथों से कानूनी सबक सिखाएगी। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भविष्य में गौवंश हत्या की गतिविधि के बारे में सोचने वाले तत्व भी कांप उठेंगे।उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल के नेतृत्व में और उपमुख्यमंत्री हर्ष सांघवी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

