उडुपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एकदिवसीय कर्नाटक दौरे पर पहुंच गए हैं। जहां उडुपी में जगद्गुरु श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने विश्व गीता पर्याय- लक्ष्य कंठ गीता परायण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया। इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘उडुपी आना मेरे लिए खास इसलिए भी है क्योंकि उडुपी जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि रही है। 1968 में, उडुपी के लोगों ने हमारे जनसंघ के वी.एस. आचार्य को यहां के नगरपालिका परिषद में जिताया था… आज हम देश भर में जो स्वच्छता अभियान देख रहे हैं, उसे उडुपी ने पांच दशक पहले अपनाया था…’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘हमारे समाज में मंत्रों, गीता के श्लोकों का पाठ शताब्दियों से हो रहा है पर जब एक लाख कंठ एक स्वर में इन श्लोकों का ऐसा उच्चारण करते हैं… तो ऐसी ऊर्जा निकलती है जो हमारे मन, मस्तिष्क को एक नया स्पंदन, नई शक्ति देती है… यही ऊर्जा अध्यात्म की शक्ति भी है, यही ऊर्जा सामाजिक एकता की शक्ति है इसलिए आज लक्ष कंठ गीता का ये अवसर एक विशाल ऊर्जा पिंड को अनुभव करने का अवसर बन गया है।’ उन्होंने कहा, ‘आज हमारी ‘सबका साथ, सबका विकास’, ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ की नीतियां भगवान श्री कृष्ण के इन श्लोकों से प्रेरित हैं। भगवान श्री कृष्ण हमें गरीबों की मदद करने का मंत्र देते हैं और इसी मंत्र की प्रेरणा आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं का आधार बनती है… भगवान श्री कृष्ण हमें महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण का ज्ञान सिखाते हैं और इन्हीं की प्रेरणा से देश नारी शक्ति वंदन अधिनियम का ऐतिहासिक फैसला लेता है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, ‘श्री कृष्ण ने युद्ध की भूमि पर गीता का संदेश दिया था और भगवत गीता हमें सिखाती है कि शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत भी जरूरी है… हम लाल किले की प्राचीर से श्री कृष्ण की करुणा का संदेश देते हैं और उसी प्राचीर से हम मिशन सुदर्शन चक्र का भी उद्घोष करते हैं… देश ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई में हमारा संकल्प देखा है… हम शांति स्थापित करना भी जानते हैं और शांति की रक्षा करना भी जानते हैं।’ अपने इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने ‘सुवर्ण तीर्थ मंतप’ का उद्घाटन किया, जो भगवान कृष्ण के गर्भगृह के सामने बनाया गया है। इसके अलावा उन्होंने ‘कनक कवच’ भी समर्पित किया। यह कनाकाना किंदी पर स्वर्ण आवरण है, जहां से भक्त और संत कनकदास ने पहली बार भगवान कृष्ण के दर्शन किए थे। श्री कृष्ण मठ की स्थापना करीब 800 साल पहले श्री मध्वाचार्य ने की थी, जो द्वैत वेदांत दर्शन के संस्थापक थे।
पीएम ने गोवा में दुनिया की सबसे ऊंची श्रीराम प्रतिमा का किया अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण गोवा जिले के श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ में भगवान राम की 77 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद पीएम मोदी ने श्री संस्थान गोकर्ण परतगली जीवोत्तम मठ में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मठ के 550वें साल के जश्न ‘सार्ध पंचशतामनोत्सव’ के मौके पर मठ आए हैं। मोदी ने साउथ गोवा के पार्टगली में मठ में बने मंदिर का भी दौरा किया। पीएम मोदी ने कहा, यह मठ मूल्यों को बनाए रखने की नींव का पत्थर रहा है, और आने वाली पीढ़ियों को ऊर्जा देता रहेगा…इस मठ की एक खासियत सेवा की भावना है, जिसने सदियों से समाज के हर तबके का साथ दिया है। सदियों पहले, जब इस इलाके में मुश्किलें आईं और लोगों को अपने घर-परिवार छोड़कर नई जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, तो इस मठ ने समुदाय का साथ दिया, नई जगहों पर मंदिर और शेल्टर बनाए। इसने न सिर्फ धर्म बल्कि इंसानियत और संस्कृति की भी रक्षा की। समय के साथ, मठ की सेवा का दायरा बढ़ा है। आज, शिक्षा से लेकर हॉस्टल तक, बुज़ुर्गों की देखभाल से लेकर जरूरतमंद परिवारों की मदद तक, इस मठ ने हमेशा अपने संसाधन लोगों की भलाई के लिए लगाए हैं। यह मठ भारत के सबसे पुराने मठों में से एक है, जो अपने आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान के लिए जाना जाता है और सारस्वत समुदाय में इसका खास स्थान है। इस मौके पर गोवा के गवर्नर अशोक गजपति राजू और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत इस समारोह में मौजूद थे। गोवा के पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट के मंत्री दिगंबर कामत ने कहा कि गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को डिजाइन करने वाले मूर्तिकार राम सुतार ने भगवान राम की मूर्ति बनाई है, और यह भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। गोवा में श्रीराम की प्रतिमा के साथ रामायण थीम पार्क और राम संग्रहालय भी बनाया जा रहा है

