अहमदाबाद। ‘साहित्यालोक’ संस्था पिछले छह दशकों से गुजरात में हिंदी की सेवा कर रही है। इसी क्रम में, हास्य-कवि अविनाश पाठक के निवास-स्थान पर अजमेर से पधारे सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार डॉ. बृजेश माथुर की अध्यक्षता में एवं मंचीय हास्य कवि हरिवदन भट्ट के सफल संचालन में एक आनंद और रस प्रदायिनी काव्य गोष्ठी संपन्न हुई। इस काव्य-गोष्ठी के मुख्य अतिथि थे— जोधपुर से पधारे ख्यातिलब्ध ग़ज़लकार दिनेश सिंदल। सर्वप्रथम संस्था के महामंत्री चंद्रमोहन तिवारी ने संक्षिप्त रूप से ‘साहित्यालोक’ संस्था के इतिहास, वर्तमान और भविष्य के आयोजनों से संबंधित प्रसंगोचित चर्चा करते हुए प्रारंभिक उद्घोष किया। तत्पश्चात् माँ शारदा को माल्यार्पण व पुष्प अर्पण तथा काव्य-गोष्ठी के सभापति डॉ. बृजेश माथुर एवं मुख्य अतिथि दिनेश सिंदल को पुष्प-माला पहनाकर व संस्था की पुस्तकें भेंटकर सम्मानित करने के उपरांत काव्य-गोष्ठी की शुरुआत हुई। काव्य-गोष्ठी के प्रारंभ से पूर्व संस्था के दिवंगत मंत्री ओमप्रकाश शर्मा की पत्नी संतोष शर्मा एवं अभिनेता धर्मेंद्र जी की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। उस्ताद ग़ज़लकार ऋषिपाल धीमान ‘ऋषि’, जयपुर की कवयित्री रजनी मोरवाल व गुजराती-हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि सतीन देसाई को ‘गुजरात हिंदी साहित्य अकादमी’ से पुरस्कृत होने के लिए संस्था की तरफ से शुभकामनाएँ दी गईं। तत्पश्चात काव्य-गोष्ठी की विधिवत शुरुआत हुई। सुविज्ञ-काव्य रसिक श्रोताओं की उपस्थिति में 3 घंटे चली इस काव्य-गोष्ठी में शब्द-शिल्पियों ने अनेक विषयों पर काव्य-पाठ किया। कविता पाठ करने वाले मुख्य रचनाकार थे: डॉ. बृजेश माथुर (अजमेर), दिनेश सिंदल (जोधपुर), डॉ. ऋषिपाल धीमान ‘ऋषि’, डॉ. हिमांशु माथुर, चंद्रमोहन तिवारी, संपत लोहार, हरिवदन भट्ट, दिनेश वशिष्ठ, श्री रितेश त्रिपाठी (वडोदरा), जितेंद्र सिंह चौहान ‘पुष्प’, पुष्प लता शर्मा, रजनी धीमान, श्रीमती नमिता सिंह, छत्रपाल वर्मा, संजीव प्रभाकर (गांधीनगर), नरपत आशिया (गांधीनगर), अविनाश पाठक, आत्म प्रकाश ‘कुमार’ (गांधीनगर), प्रताप सिंह डाभी, श्री किशोर शाक्य, आनंद सिद्धार्थ, नित्यानंद पाण्डेय, सौरभ सिंह।
