नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जिस भावना से काम कर रही है वह देश में संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर कर देगा। लोकसभा से निलंबित कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को अपने निलंबन पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि यह एक नई घटना है जिसे हमने संसद में अपने करियर में पहले कभी अनुभव नहीं किया है। यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्तारूढ़ दल द्वारा जानबूझकर अपनाई गई योजना है। यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर कर देगा। इस बीच, चौधरी ने कहा है कि लोकसभा में अपने निलंबन के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अगर इसकी जरूरत लगेगी तो वे इसे कोर्ट में चुनौती देंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री पर की अपनी टिप्पणी पर अधीर रंजन ने अपनी सफाई में कहा, अंधा राजा और नीरव मोदी जैसे शब्दों के इस्तेमाल में मुझे कुछ गलत नहीं लगता। मैंने इसका इस्तेमाल रूपक के तौर पर किया था। दूसरी तरफ से इटली इटली क्यों किया गया? शायद सरकार भगवा व्याकरण ले कर आ सकती है। आखिर नीरव का मतलब क्या है? अपने मन की बात करना क्या गलत है? किसी को ठेस पहुंचाने के लिए कुछ नहीं बोला। राई को पहाड़ बनाने की कोशिश हो रही है।
राघव चड्ढा ने चेंज किया ट्विटर बायो, लिखा- सस्पेंडेड सांसद
आप के नेता राघव चड्ढा कल राज्यसभा से निलंबित हो गए हैं। आप सांसद राघव चड्ढा को शुक्रवार को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक च्च्नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। अपनी संसद सदस्यता निलंबित होने के बाद राघव चड्ढा ने अपनी ट्विटर बायो चेंज कर दी है। आपको बता दें कि पहले अपने ट्वीटर हैंडल पर राघव चड्ढा ने बायो में सांसद लिखा था, जिसे अब बदलकर सस्पेंडेड सांसद लिख दिया है।राज्यसभा के सभापति व देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राघव चड्ढा के निंलबन की घोषणा की थी।