कटिहार
बृहस्पतिवार को जनता दल(यू) के बैनर तले आयोजित कारवाने-इत्तेहात व भाईचारा यात्रा का कारवां कटिहार जिला के बरारी प्रखंड में पहुंचा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा मौजूद रहें एव कार्यक्रम अध्यक्षता कटिहार जद(यूव) के जिलाध्यक्ष शमीम इकबाल ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मौजूद बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान, सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी, विधायक विजय सिंह निषाद, विधान परिषद खालिद अनवर, प्रमंडल कार्यक्रम प्रभारी भूमि पाल राय, प्रदेश महासचिव मेजर इकबाल हैदर, कटिहार नगर जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य देव मंडल, मुख्यालय प्रभारी रणविजय कुमार, प्रदेश महासचिव अशोक सिंह बादल, सूरज प्रकाश राय, प्रकाश कुमार कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
जनता दल (यूव) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मैं सर्वप्रथम कटिहार की उस मिट्टी को नमन करता हूं, जो गंगा-जमुनी तहजीब का बेजोड़ उदाहरण है। इसके अतीत में आप झांककर देखें तो कई दिलचस्प बातें जानने को मिलेंगी। एक ओर इसका संबंध देवी सती के कटि यानि कमर के हार से है, जिसके कारण इसका नाम कटिहार पड़ा, तो दूसरी ओर इस इलाके ने मुस्लिम शासकों के दौर में उनकी संस्कृति की बारीकियां ग्रहण कीं। यही नहीं, आपको जानना चाहिए कि सिक्खों के पहले गुरु गुरुनानक देव ने भी यहां की यात्रा की थी और संयोग देखिए कि कटिहार में बरारी के इसी इलाके से होते हुए वे पूर्णिया गए थे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आजादी की लड़ाई की बात करें तो पूर्णियां-कटिहार के योगदान को कौन भुला सकता है? आपको इस बात का गौरव होना चाहिए कि बिहार के जिस हिस्से से सबसे ज्यादा लोग जेलों में गए और अपनी भारत मां के लिए फांसी के फंदे से झूल गए, यह इलाका उनमें से एक है। कटिहार की समृद्ध विरासत, यहां के लोगों की सकारात्मक दृष्टि, यहां का सामाजिक सद्भाव और किसी भी परिस्थति का सामना कर आगे बढ़ने की ललक ने इस पूरे इलाके को अलग पहचान दी है।
कुशवाहा ने कहा कि हमारे नेता बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 18 वर्षों में कटिहार समेत पूरे सीमांचल के लिए विकास के अनगिनत कार्य किए और इस इलाके की गंगा-जमुनी तहजीब को संजोकर रखा, जिसे साम्प्रदायिक ताकतें आज तहस-नहस करने पर आमादा हैं। ऐसी परिस्थिति में जनाब डॉ. खालिद अनवर ने कारवांने इत्तेहाद व भाईचारा की शुरुआत की और इस यात्रा को शीर्षक दिया -”अपनी तारीख को बचाएं, नीतीश कुमार के साथ आएंÓÓ, जो अपने आप में बहुत कुछ बयान कर रहा है। मैं इसके लिए उन्हें तहेदिल से बधाई और साधुवाद देता हूं। 1 अगस्त से 6 सितंबर तक तीन चरणों में चलने वाली इस यात्रा को 26 जिलों से होकर गुजरना है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इत्तेहाद (एकता) और भाईचारा का संदेश जन-जन तक पहुंचाना है।
हमारे पुरखों ने हमें वसुधैव कुटुम्बकम् की सीख दी और ये सोच हमारे संस्कार का हिस्सा है, जिसे केन्द्र में बैठे लोग खत्म करने पर तुले हैं। अपने राजनीतिक एजेंडे को लागू करने के लिए वे देश के इतिहास को ही बदल देना चाहते हैं। सत्ता के लिए धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़ाया जा रहा है। ताजा उदाहरण मणिपुर का ही लें। आज वहां क्या स्थिति है? महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया जा रहा है और भोले-भाले लोग मौत के घाट उतारे जा रहे हैं। मणिपुर जल रहा है। वहां त्राहिमाम की स्थिति है, पर हमारे प्रधानमंत्री को उधर झांकने की भी फुरसत नहीं।
अंग्रेजों ने सैकड़ों साल तक फूट डालो और राज करो की नीति अपनाकर हमारे ऊपर शासन किया। कितने दुर्भाग्य की स्थति है कि आज वही काम हमारे देश के ही लोग कर रहे हैं। अनेकता में एकता जो हमारे देश की सबसे बड़ी खूबसूरती और खासियत है, उसे तहस-नहस किया जा रहा है। हर जगह तनाव के बीज डाले जा रहे हैं। देश में आज अघोषित तानाशाही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे में हमारे नेता नीतीश कुमार आशा और उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं। विपक्षी एकता के सूत्रधार के रूप में बिहार से उन्होंने भाजपा-मुक्त भारत का बिगूल फूंक दिया है। देश की तारीख को बचाने के लिए आज सचमुच उनके साथ आने और समाज के हर वर्ग, हर तबके को जुटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं अंत में डॉ. खालिद अनवर को एक बार फिर दिल की गहराइयों से बधाई और साधुवाद देना चाहता हूं कि वे एक बेहद नेक इरादे से और बहुत सही वक्त पर इस यात्रा पर निकले और मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि हर जिले में पार्टी के साथियों ने उनका भरपूर सहयोग किया है। इस दौरान पूर्व विधायक परवेज आलम एवं पूर्व प्रखण्ड प्रमुख बिखनी उरांव के साथ सैकड़ों लोगों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष जनता दल (यूव) की सदस्यता ग्रहण।