अगली सुनवाई 25 अगस्त को
नई दिल्ली। देश में हेट स्पीच और हेट क्राइम के बढ़ते मामलों पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में आरोपी चाहे कोई भी हो, किसी भी पक्ष का हो। उनके साथ समान व्यवहार किया जाएगा। ऐसे लोगों से कानून के तहत निपटा जाएगा।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। 18 अगस्त को मामले की सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस खन्ना ने कहा- हमें बिहार में जातिगत जनगणना से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई करनी है। हेट स्पीच पर हम अगले शुक्रवार (25 अगस्त) को सुनवाई करेंगे। इसके बाद मामले की सुनवाई 25 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।हेट स्पीच के मामले पर पिछली सुनवाई 11 अगस्त को हुई थी, तब कोर्ट ने केंद्र सरकार को ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया था। हरियाणा के नूंह के बाद महापंचायत में मुस्लिमों के खिलाफ अभियान के विरोध में जर्नलिस्ट शाहीन अब्दुल्ला ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कोर्ट से अपील की गई थी कि वह सरेआम नफरत भरे भाषणों पर रोक लगाने के लिए केंद्र को निर्देश दे।याचिकाकर्ता ने बताया कि किस तरह देशभर में होने वाली रैलियों में एक समुदाय के सदस्यों की हत्या की जा रही है। इसके अलावा उनका आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।
जातीय गणना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
बिहार में जाति आधारित गणना पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर किसी भी तरह की रोक लगाने से मना कर दिया है। सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की ओर से बताया गया है कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। आंकड़े भी अपलोड कर दी गई है। जिसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने बिहार में हो रही जातिगत गणना का ब्योरा रिलीज कराने की मांग कर दी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बिहार सरकार का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। इससे पहले 14 अगस्त को सुनवाई टल गई थी। इस मामले पर दाखिल की गई दूसरी याचिकाएं भी 18 अगस्त को लिस्टेड थीं। आज सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई।