शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडिंग, भारत की सफलता पर पूरी दुनिया की निगाह
देश भर में लैंडिंग की सफलता के लिए पूजा और दुआएं,उस पल का बेसब्री से इंतजार : सुनीता विलियम्स
विक्रम लैंडर ने बनाया चंद्रमा का शानदार वीडियो
बेंगलुरु। भारत का मून मिशन यानी चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय पर यानी शाम 6:04 बजे ही चंद्रमा पर लैंड करेगा। मंगलवार (22 अगस्त) को ढ्ढस्क्रह्र ने मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि सभी सिस्टम्स को समय-समय पर चेक किया जा रहा है। ये सभी सही तरह से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही इसरो ने चांद की नई तस्वीरें शेयर की हैं, जो चंद्रयान-3 ने क्लिक की हैं। चंद्रयान ने 70 किलोमीटर की दूरी से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा की मदद से ये तस्वीरें खींचीं हैं। चंद्रयान-3 फिलहाल चांद पर लैंडिंग के लिए सटीक जगह खोज रहा है। इसे 25 किलोमीटर की ऊंचाई से लैंड किया जाएगा। चंद्रयान 3 पर पूरी दुनिया की निगाह है। भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने बुधवार को कहा कि चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने का मुझे बेसब्री से इंतजार है। मैं खुश हूं कि भारत अंतरिक्ष में रिसर्च और चंद्रमा पर स्थायी जीवन की खोज में सबसे आगे है। मिशन की सफलता के लिए देश में जगह-जगह पर हवन कराए जा रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी का कामाख्या मंदिर, श्री मठ बाघंबरी गद्दी और महाराष्ट्र के मुंबई का चामुण्डेश्वरी शिव मंदिर शामिल है। वीडियो में प्रयागराज में लोग श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में हवन करते हुए दिख रहे हैं। शिव सेना नेता आनंद दुबे ने महाराष्ट्र के चंद्रमौलेश्वर शिव मंदिर में हवन किया। इसके अलावा, आगरा और वाराणसी से भी लोगों के हवन करने के वीडियो सामने आए हैं। इनमें लोगों ने चंद्रयान की सफलता के लिए प्रार्थना की।मध्य प्रदेश के खरगोन में भी चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पुराने सिद्धनाथ महादेव मंदिर में पूजा और आरती की गई।चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में 15 से 17 मिनट लगेंगे। इस ड्यूरेशन को 15 मिनट्स ऑफ टेरर यानी च्खौफ के 15 मिनट्सज् कहा जा रहा है। अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल होता है तो भारत का चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी।चंद्रयान का दूसरा और फाइनल डीबूस्टिंग ऑपरेशन रविवार रात 1 बजकर 50 मिनट पर पूरा हुआ था। इसके बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है।
लैंडिंग के चार फेज होंगे
1. रफ ब्रेकिंग फेज
इस वक्त लैंडर लैंडिंग साइट से 750 ्यद्व दूर होगा और स्पीड 1.6 ्यद्व/ह्यद्गष् होगी।
ये फेज 690 सेकेंड तक चलेगा। इस दौरान विक्रम के सभी सेंसर्स कैलिब्रेट होंगे।
690 सेकेंड में हॉरिजॉन्टल स्पीड 358 द्व/ह्यद्गष् और नीचे की तरफ 61 द्व/ह्यद्गष् हो जाएगी।
2. एल्टिट्यूड होल्ड फेज
विक्रम चांद की सतह की फोटो खींचेगा और पहले से मौजूद फोटोज के साथ कंपेयर करेगा।
चंद्रयान-2 के टाइम में ये फेज 38 सेकेंड का था अब इसे 10 सेकेंड का कर दिया गया है।
इस दौरान हॉरिजॉन्टल वेलॉसिटी 336 द्व/ह्य और वर्टिकल वेलॉसिटी 59 द्व/ह्य हो जाएगी।
3. फाइन ब्रेकिंग फेज
ये फेज 175 सेकेंड तक चलेगा इसमें स्पीड 0 पर आ जाएगी।
लैंडर की पोजिशन पूरी तरह से वर्टिकल हो जाएगी।
सतह से ऊंचाई 800 मीटर से 1300 मीटर के बीच होगी।
विक्रम के सेंसर चालू किए जाएंगे और हाइट नापी जाएगी।
फिर से फोटोज लिए जाएंगे और कंपेयर किया जाएगा।
4. टर्मिनल डिसेंट फेज
अगले 131 सेकेंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर आ जाएगा।
लैंडर पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा सतह की तस्वीरें खींचेगा।
विक्रम पर लगा हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा गो-नो-गो टेस्ट रन करेगा।
अगर सब सही है तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतर जाएगा।
अगर नो-गो की कंडीशन होगी तो 150 मीटर आगे जाकर रुकेगा।
फिर से सतह चेक करेगा और सब कुछ सही रहा तो लैंड कर जाएगा।