- अहमदाबाद में 126 स्क्रीन्स पर किया गया लाइव प्रसारण
- अहमदाबाद में नवचंडी यज्ञ तो सूरत में हनुमान चालीसा का हुआ पाठ
अहमदाबाद
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत ने आज इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की और इतिहास रच दिया। इस सफलता के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। देश भर में चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना और मंदिरों में पूजा-अर्चना की जा रही है। ऐसा ही हाल गुजरात में भी है। पूरे राज्य में उत्साह देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, अहमदाबाद में तो 126 स्क्रीन्स पर इसका लाइव प्रसारण भी किया गया। साथ ही गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अहमदाबाद स्थित इसरो के ऑफिस में बैठकर चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लाइव देखीे। राजकोट में छात्रों को ट्वेंटी मिनट्स ऑफ एरर के बारे में भी समझाया गयाा। वडोदरा के स्कूलों और कॉलेजों में प्रोजेक्टर के जरिए छात्रों को पहले से ही चंद्रयान के बारे में जानकारी दी जा रही है। सूरत में भी छात्र चंद्रयान-3 के लिए पूजा-अर्चना कर रहे हैं। अहमदाबाद नगर निगम ने चंद्रयान की लैंडिंग के प्रसारण के लिए खास तैयारी की थी। पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के स्वामित्व वाली 126 बड़ी एलईडी स्क्रीन (वीएमडी) पर किया गया। अहमदाबाद के काकरिया के पास चंद्रप्रकाश सोसायटी में नवचंडी यज्ञ का आयोजन किया गया। दोपहर 12.39 बजे विजय मुहूर्त पर यज्ञ में विशेष आहुति दी गई। समाज के लोगों ने एक साथ हाथ मिलाकर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और भारत के लिए ऐतिहासिक क्षितिज के नए द्वार खुलने की प्रार्थना की। सूरत में भी अलग-अलग स्कूलों में छात्र, शिक्षक और प्रिंसिपल हनुमान चालीसा का जाप और गणेशजी की स्तुति कर रहे थे कि वैज्ञानिकों की मेहनत सफल हो। सूरत के पालनपुर पाटिया इलाके के विद्याकुंज स्कूल में अखंड ज्योत जलाई गई । इतना ही नहीं, स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने और इस ऐतिहासिक पल को अपनी आंखों से देखने के लिए बड़े स्क्रीन की भी व्यवस्था की गई । अलग-अलग स्कूलों में हर तरह की व्यवस्था की गई है, ताकि जो भी बच्चे रुचि रखते हैं वे शाम को स्कूल में बैठकर ये दृश्य देख सकें।